अहमदाबाद, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को देश की ‘सबसे बड़ी संपत्ति’ बताते हुए छोटे उद्योगों का स्टार्टअप के साथ एकीकरण करने का आह्वान किया।
शाह ने यहां आयोजित ‘गुजरात वार्षिक व्यापार प्रदर्शनी’ के उद्घाटन कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने हाल ही में 75 साल पूरे करने वाले गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) से आग्रह किया कि वह युवाओं के लिए एक नया पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए छोटे उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़ें।
उन्होंने जीसीसीआई के प्रबंधन से अगले 25 साल के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। हर बड़े उद्योग ने एक छोटे उद्यम के तौर पर अपना सफर शुरू किया। जीसीसीआई को छोटे उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़ना चाहिए और युवाओं के लिए एक समूची पारिस्थितिकी बनाने के लिए इनका आधुनिकीकरण करना चाहिए।’’
शाह ने कहा, ‘‘चैंबर को सरकार, छोटे उद्योगों और महत्वाकांक्षी युवाओं के बीच एक पुल के तौर पर काम करना चाहिए। गुजरात में एमएसएमई क्षेत्र के विकास में मदद के लिए सहायक औद्योगिक इकाइयों को आकर्षित करने पर ध्यान देना चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने जीसीसीआई से सरकार को नीतियां बनाने और लागू करने में सहायता करने के लिए एक स्थायी इकाई बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने विनिर्माण से लेकर खुदरा विक्रेता तक समूची व्यापार श्रृंखला में डिजिटल लेनदेन को शामिल करने और गुजरात के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं बनाने का भी आग्रह किया।
शाह ने कहा कि गुजरात में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त और व्यापार के अनुकूल एवं कुशल प्रणालियों द्वारा समर्थित ‘हड़ताल-मुक्त परिवेश’ का आश्वासन दिया जाता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में कहा कि गुजरात का उद्योग समर्थक माहौल और मजबूत बुनियादी ढांचा राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है।