मुंबई, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बैंकों के शीर्ष निकाय से कहा है कि वह बैंकों को निर्देश दे कि वे आरबीआई के मानदंडों के अनुसार अपनी सेवाओं में मराठी का उपयोग करें, वरना उनकी पार्टी अपना आंदोलन तेज करेगी।
मनसे नेताओं द्वारा बुधवार को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को सौंपे गए पत्र में ठाकरे ने यह भी कहा कि यदि बैंक अपनी सेवाओं में तीन भाषा फार्मूले — अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषा (महाराष्ट्र के मामले में मराठी) का पालन नहीं करते हैं तो कानून- व्यवस्था खराब होने के लिए बैंक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
ठाकरे ने आईबीए को लिखे पत्र में कहा, “आप बैंकों को (सेवाओं में) मराठी का उपयोग करने के लिए आवश्यक निर्देश दें, अन्यथा मनसे अपना आंदोलन तेज करेगी और उसके बाद कानून- व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित बैंकों की होगी।”
पत्र में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों में क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग के बारे में एक परिपत्र जारी किया है, लिहाजा बैंकों में बोर्ड तीन भाषाओं — हिंदी, अंग्रेजी और उस राज्य की क्षेत्रीय भाषा में होने चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि यहां तक कि सेवाएं भी तीन भाषाओं में होनी चाहिए।
इससे पहले, ठाकरे ने शनिवार को मनसे कार्यकर्ताओं से बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में मराठी के उपयोग को लागू करने के लिए आंदोलन को फिलहाल रोकने के लिए कहा था। ठाकरे ने कहा था, “हमने इस मुद्दे पर पर्याप्त जागरूकता पैदा कर दी है।”
आंदोलन के बाद, ‘यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस’ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर कहा कि मनसे कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले लोग बैंक शाखाओं में जाकर कर्मचारियों को धमका रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 30 मार्च को अपनी गुड़ी पड़वा रैली में, ठाकरे ने आधिकारिक कामकाज के लिए मराठी को अनिवार्य बनाने के अपनी पार्टी के रुख को दोहराया था।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि जो लोग जानबूझकर भाषा नहीं बोलते हैं उन्हें “थप्पड़” मारा जाएगा।