
भोजन में पुदीने का जितना महत्त्व है, उतना अन्य किसी शाक, सब्जी या फल का नहीं है। चाहे शर्बत बनाना हो या खुशबूदार चटनी का स्वाद लेना हो अथवा कढ़ी में भीनी-भीनी खुशबू हो, पुदीने को प्रयोग में लीजिए।
सर्वसुलभ सस्ता एवं रोगनाशक पुदीना हमारे देश में लगभग हर जगह उपलब्ध है। पुदीना अपच एवं दमा जैसे रोगों से भी मुक्ति दिलाता है। पुदीने का सर्वाधिक उत्पादन गुजरात में होता है। यूं विश्व में सबसे अधिक पुदीने का उत्पादन चीन में होता है।
पुदीना वातनाशक होता है। यदि आपने भोजन अधिक कर लिया है या पाचन संबंधी अन्य कोई शिकायत है तो पुदीने में थोड़ा अजवायन और नींबू का रस मिला कर शर्बत तैयार कीजिए और पी जाइए। कुछ ही समय में अपच और पेट की गड़बड़ी खत्म हो जाएगी।
कहा जाता है कि पुदीने की पत्ती को मुंह में रखकर चूसते रहने से अमृत उत्पन्न करता है। इससे मुंह की दुर्गन्ध तो गायब होती ही है साथ ही दांतों की सड़न भी दूर हो जाती है और दांत पूर्णतः स्वस्थ एवं निरोग हो जाते हैं।
पुदीने की चटनी अरूचि दूर करती है। यदि भूख होते हुए भी भोजन न करने की इच्छा हो तो थोड़ी सी चटनी खाकर एक गिलास पानी पीजिए। फिर देखिये आप भोजन के प्रति कितनी रूचि महसूस करते हैं।
पुदीना रूचिकर, वायु एवं कफनाशक तथा पाचन शक्ति बढ़ाने वाला होता है। पेट में कृमि, हैजा एवं खांसी जैसी शिकायतें भी पुदीना फौरन दूर कर देता है। पुदीने के नियमित रूप से सेवन करने से मस्तिष्क स्वस्थ व प्रसन्न रहता है।
यदि आपको भूख नहीं लगती और दुर्बलता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तो फिक्र मत कीजिए। पुदीना आपकी हर शिकायत दूर कर देगा। पुदीने के पत्ते, थोड़े से तुलसी के पत्ते, दो चार दाने काली मिर्च एवं एक कली अदरक में आधा नींबू निचोड़कर पीजिए। आप दिन में एक बार नहीं बल्कि दो बार भोजन करेंगे और पाचन क्रिया भी विधिवत रहेगी।
नियमित रूप से पुदीने का रस पीने से कृमि दूर हो जाते हैं एवं वायु संबंधी गड़बड़ी भी दूर हो जाती है। पुदीने का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से ज्वर दूर हो जाता है तथा न्यूमोनिया से होने वाले विकार भी नष्ट हो जाते हैं।
यदि आँतों की खराबी, शिथिलता या पेट के कोई अन्य रोग हों तो पुदीने का सेवन कर इन्हें दूर किया जा सकता हैं। पेट में अचानक दर्द उठता हो या मरोड़ हों तो अदरक और पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन कीजिए, पेट दर्द गायब। यूं पुदीने से तो कई शारीरिक समस्याएं भी दूर हो जाती हैं परन्तु यदि नियमित रूप से पुदीने का सेवन किया जाए तो शरीर में रोग होने ही नहीं पाते।
पुदीना विटामिन ’ए‘ का भंडार है। पुदीना में जितने विटामिन उपस्थित रहते हैं, उतने अधिक न तो किसी खास पदार्थ में होते हैं न ही किसी औषधि में। एक तरह पुदीना चमत्कारिक औषधि ही है। पुदीना संभोगशक्ति तो बढ़ाता ही है, इससे शरीर में तंदुरूस्ती का आलम भी बना रहता है।