दिल्ली: यूरी गागरिन और अन्य रूसी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के सम्मान में स्मारक पट्टिका का अनावरण

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Plaque in honour of Gagarin, other Russian space pioneers

नयी दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस के अवसर पर शनिवार को यहां ‘रशियन हाउस’ में एक स्मारक पट्टिका का अनावरण किया गया, जिसमें अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति यूरी गागरिन और रूस के दो अन्य अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की छवियां अंकित हैं।

इस पट्टिका का अनावरण भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव और अंतरिक्ष यात्री डेनिस मतवीव की उपस्थिति में किया गया, जो इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विशेष रूप से रूस से आये थे।

बाद में, 2023 में रिलीज हुई अंतरिक्ष में फिल्मांकित रूसी मनोरंजक फिल्म ‘द चैलेंज’ भी कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित की गई। आयोजकों ने दावा किया कि यह बाह्य अंतरिक्ष में शूट होने वाली ‘पहली’ ऐसी परियोजना है।

तत्कालीन सोवियत संघ के तहत गागरिन 12 अप्रैल 1961 को अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले इंसान बने थे। इस दिन को रूस में ‘कॉस्मोनॉटिक्स डे’ (अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस) के रूप में मनाया जाता है जो ऐतिहासिक उड़ान की याद दिलाता है।

पट्टिका पर अंतरिक्ष सूट पहने गागरिन, रूस के अंतरिक्ष अन्वेषण के जनक कोंस्टैंटिन त्सियोलकोवस्की तथा अंतरिक्ष में पहली मानव उड़ान में अहम भूमिका निभाने वाले सर्गेई कोरोलेव को दर्शाया गया है।

रूसी राजदूत ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा, ‘‘12 अप्रैल को हम अंतरिक्ष अन्वेषण का जश्न मनाते हैं, इसे ‘कॉस्मोनॉटिक्स डे’ कहते हैं। 1961 में इसी दिन यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहली मानव उड़ान भरी थी। यह निश्चित रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण में मानव जाति की अनगिनत उपलब्धियों को याद करने का अवसर है। लेकिन यह उन भविष्य के प्रयासों को भी याद करने का अवसर है, जिन्हें हमें अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए मिलकर संयुक्त रूप से करना चाहिए।’’

अलीपोव ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के अंतर्गत रूस और भारत के बीच अंतरिक्ष संबंधों को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अंतरिक्ष अन्वेषण को मित्रता और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अच्छी मंशा के साथ मिलकर करना आवश्यक और अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कुछ ऐसा है जो हम भारत के साथ मिलकर कर रहे हैं। हमने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में सहयोग के लिए हाथ मिलाया है… भारत के आगामी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, उपग्रह प्रक्षेपण और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग किया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है और मुझे पूरा यकीन है कि हम इस मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।’’

दिल्ली के मध्य में स्थित ‘रशियन हाउस’ में स्थित रूसी विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र में इस समय गागरिन की 12 अप्रैल, 1961 की उड़ान से संबंधित दुर्लभ तस्वीरों की प्रदर्शनी चल रही है।

राजदूत ने कहा, ‘‘अब हम भारत से बहुत कुछ सीखते हैं और अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के अनुभव और उपलब्धियों का उपयोग करते हैं। यह भी बहुत उत्साहजनक क्षण है।’’

पट्टिका लगाने की परियोजना के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा कि यह ‘‘ रशियन हाउस’ की पहल है और उन्हें खुशी है कि इसे दिल्ली स्थित ‘रशियन हाउस’ की बाहरी दीवार पर लगाया गया है।

 

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