लखनऊ, एक अप्रैल (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकारों द्वारा जिलों, शहरों व संस्थानों के नाम बदलने की प्रवृत्ति की आलोचना की और इसे अपनी विफलताओं को छिपाने के उद्देश्य से ‘संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति’ करार दिया।
बसपा प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “उत्तर प्रदेश में पूर्व सपा सरकार (2012-2017) की तरह ही महाराष्ट्र, उत्तराखंड और प्रदेश के जिला, शहरों व संस्थानों के नामों को बदलने की भाजपा सरकार की प्रवृति कानून के राज का नहीं बल्कि द्वेष व भेदभाव के आधार पर अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने की संकीर्ण राजनीति है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्ष 1995 के अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर 2012 तक बसपा की चार बार रही सरकारों में सुशासन को ध्यान में रखकर अनेक नई कल्याणकारी योजनाओं और जिले, तहसील, अस्पताल, विश्वविद्यालय नए नामों से बनाए गए और कभी भी किसी का नाम नहीं बदला गया, जिससे सरकारों को सीख लेने की जरूरत है।
मायावती की यह टिप्पणी विभिन्न राज्यों में विभिन्न स्थानों के नाम बदलने को लेकर जारी बहस के बीच आई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में 11 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की थी।