मांडविया ने खिलाड़ियों के लिए डिजिलॉकर शुरू किया

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Mansukh

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया को सरल बनाने की कवायद के तहत खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खिलाड़ियों के लिए डिजिलॉकर सुविधा शुरू करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महासंघों के लिए अगले एक साल के भीतर खिलाड़ियों के प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेजों को डिजिटल रूप देना अनिवार्य होगा।

मांडविया ने 40 राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों और तोक्यो ओलंपिक रजत विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू और हॉकी खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह सहित कुछ खिलाड़ियों की मौजूदगी में औपचारिक रूप से इस पहल की शुरुआत की।

मांडविया ने याद करते हुए कहा, ‘‘एक खिलाड़ी, एक युवा लड़की, एक बार आंखों में आंसू लिए मेरे पास आई थी और बताया था कि उसने नौकरी का मौका गंवा दिया क्योंकि उसके प्रमाण पत्र को सत्यापित नहीं माना गया और वह राष्ट्रीय महासंघ से मूल प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफल रही।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि डिजिलॉकर अनिवार्य है। मैं शोषण की अनुमति नहीं दूंगा।’’

मांडविया ने इस ‘क्लाउड आधारित’ स्टोरेज मंच तथा दस्तावेजों और प्रमाण पत्र के सत्यापन को औपचारिक रूप से शुरू किया जिससे भारतीय डिजिटल निगम (डीआईसी) ने विकसित किया है।

तकनीकी प्रगति से उत्साहित चानू ने कहा, ‘‘जब हम ट्रेनिंग लेते हैं और विदेश जाते हैं तो हमें इन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और उन्हें साथ ले जाना हमेशा संभव नहीं होता। डिजिलॉकर बहुत सी तार्किक समस्याओं का समाधान करता है। हम घर से दूर रहते हैं और हमें कई बार प्रमाण पत्र (भागीदारी और योग्यता) मंगवाने पड़ते हैं। मैं इस पहल से बहुत खुश हूं।’’

मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) से कहा है कि वे इस वर्ष के अंत तक जिला स्तर तक सभी पिछले प्रमाण पत्रों को डिजिटल कर दें।

मांडविया के पूर्ववर्ती अनुराग ने इससे पूर्व पिछले साल डिजिलॉकर लांच किया था और रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटल करने के लिए इस साल के शुरुआत की समय सीमा रखी थी।

मांडविया चाहते हैं कि दस्तावेजों और प्रमाण पत्र को डिजिटल करने की प्रक्रिया सफल हो जिससे कि ओलंपिक पदक विजेता को पोडियम पर जगह बनाने के कड़े अभियान के पूरा करने के बाद वित्तीय फायदों के लिए आवेदन फॉर्म नहीं भरना पड़े।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि उन्हें आवेदन पत्र भरना होगा। मैंने सोचा कि इसके लिए आवेदन की क्या जरूरत है? दुनिया ने उन्हें पदक जीतते देखा है तो इसके लिए सत्यापन की क्या जरूरत है?’’

खेल मंत्री ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी मेरे कार्यालय आएं और अपने बैंक खातों में पुरस्कार राशि लेकर वापस जाएं। हमें सुधार करना होगा।’’

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