
कोलकाता, नौ अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के लागू होने से मुसलमान दुखी हैं और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आश्वासन दिया कि वह राज्य में उनकी और उनकी संपत्तियों की रक्षा करेंगी।
कोलकाता में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल में ‘फूट डालो और राज करो की नीति’ को जारी नहीं रहने देंगी।
बांग्लादेश की सीमा से लगे मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ मंगलवार को बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि वक्फ अधिनियम के लागू होने से आप दुखी हैं। विश्वास रखें, बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे कोई बांटकर राज कर सके। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।’’
वक्फ (संशोधन) विधेयक तीन अप्रैल को लोकसभा द्वारा और उसके अगले दिन तड़के लंबी बहस के बाद राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने लोगों से उन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देने की अपील की जो उन्हें राजनीतिक आंदोलन शुरू करने के लिए उकसाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग हैं जो आपको राजनीतिक रूप से भड़काएंगे, आपको इकट्ठा होने और आंदोलन शुरू करने के लिए उकसाएंगे। मैं आप सभी से ऐसा न करने की अपील करूंगी। कृपया याद रखें कि जब दीदी यहां हैं, तो वह आपकी और आपकी संपत्तियों की रक्षा करेंगी। भरोसा रखें। अगर हम एक साथ हैं, तो हम सब कुछ जीत सकते हैं। हम दुनिया को जीत सकते हैं।’’
वक्फ अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को जंगीपुर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-12 को अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और जब सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया तो सुरक्षाकर्मियों के वाहनों में आग लगा दी गयी।
पुलिस ने उग्र भीड़ को काबू करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। अधिकारियों ने बताया कि पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में संसद में पारित किए गए विधेयक की स्पष्ट आलोचना करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश की सीमा से लगे क्षेत्रों की स्थिति को देखिए। किसी को भी जल्दबाजी में काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार इससे मुश्किलें पैदा होती हैं। हमें यहां मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि हमारे राज्य में 33 प्रतिशत लोग अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। क्या हमें उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए?’’
विभाजन के इतिहास का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा: ‘‘वे आजादी के बाद से ही यहां हैं। हमारा इतिहास यह है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश सभी एक साथ थे। देश का विभाजन आजादी के बाद हुआ था। उस समय के नेताओं ने यह किया, हमने नहीं। हम बहुत बाद में पैदा हुए। इसलिए हमें जिम्मेदार क्यों ठहराया जाए? हमारा काम उन लोगों की रक्षा करना है जो यहीं रहे हैं।’’