बीते सप्ताह पाम-पामोलीन में गिरावट, बाकी तेल-तिलहनों में सुधार

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) बीते सप्ताह ऊंचे दाम पर लिवाली प्रभावित रहने से कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। वहीं मंडियों में किसानों की ओर से आवक कम लाने के कारण सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के भाव सुधार के साथ बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अप्रैल में इस समय आमतौर पर सरसों, सोयाबीन आदि तिलहनों की जिस मात्रा में आवक होती थी वह इस बार नहीं देखी जा रही है जो अप्रत्याशित है। सरसों की कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद हो रही है लेकिन जो किसान इस मौसम के दौरान सामान्य रूप से 10-12 लाख बोरी सरसों मंडियों में लाया करते थे वह आवक इस बार महज 5-5.25 लाख बोरी ही रह गई है।

इसके अलावा बीते सप्ताह चीन से सरसों डीओसी की मांग हुई है और 52,000 टन सरसों डीओसी का सौदा भी हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोयाबीन की आवक भी कम है और 1-1.25 लाख बोरी की ही आवक हो रही है। मूंगफली पहले ही एमएसपी से लगभग 15 प्रतिशत नीचे बिक रही है और अधिक नीचे दाम पर बिकवाली से बचने के लिए किसान मंडियों में आवक कम ला रहे हैं। बीते सप्ताह में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार का यह प्रमुख कारण है।

सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग बढ़ रही है जिससे सोयाबीन का हाजिर दाम भी सुधरता जा रहा है और एमएसपी के नजदीक होने लगा है। मौजूदा स्थिति बनी रही तो सोयाबीन का दाम एमएसपी के आसपास पहुंच सकता है। मौजूदा समय में सरकार को विशेष रूप से मूंगफली और सोयाबीन की ओर ध्यान देना होगा और किसानों को उचित दाम दिलाने के हरसंभव प्रयास करने होंगे ताकि उनके बीच कोई निराशा न रह जाये और इन फसलों की खेती आगे प्रभावित न हो। इस वजह से सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में बीते सप्ताह सुधार देखने को मिला।

सूत्रों ने कहा कि इससे पिछले सप्ताह में जिस कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम 1,160-1,165 डॉलर प्रति टन था, वह समीक्षाधीन सप्ताह में घटकर 1,125-1,130 डॉलर प्रति टन रह गया है। सीपीओ का सोयाबीन तेल के दाम से अंतर घटा है मगर मौजूदा दाम अब भी अधिक है। जब तक सीपीओ के दाम सोयाबीन से पर्याप्त कम नहीं होंगे इसकी लिवाली कठिन बनी रहेगी। मौजूदा स्थिति के बीच अपने गत सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह अकेले पाम-पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आने का यह प्रमुख कारण है।

सूत्रों ने कहा कि मूंगफली जैसे खाद्य तेल का हाजिर दाम एमएसपी से काफी कम क्यों न हो, लेकिन इसके खुदरा दाम 190-195 रुपये लीटर बने हुए हैं जो काफी अधिक हैं। अब सरकार को यह देखना होगा कि मौजूदा खुदरा दाम के हिसाब से तो किसानों को एमएसपी से भी कुछ अधिक कीमत मिलनी चाहिये थी, लेकिन मूंगफली के किसान हताश हैं जिसका कोई विकल्प नहीं है।

मूंगफली की पहले आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर पर्याप्त खेती होती थी जहां बाजार की अस्थिरता के कारण किसान मूंगफली छोड़कर अन्य लाभकारी फसलों की ओर चले गये।

आगे ऐसी स्थिति न हो इस हिसाब से नीतियां तय करनी होंगी क्योंकि आबादी बढ़ने के साथ खाद्य तेलों की मांग निरंतर बढ़ रही है और इस लिहाज से तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण हो चला है। खाद्य तेलों के आयात के लिए काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी होती है और इससे बचने के लिए आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है।

मौजूदा समय में पामोलीन तेल से महंगा दाम सूरजमुखी का है जो 1,220-1,225 डॉलर के आसपास है। यह दाम पामोलीन से लगभग 90 डॉलर अधिक है।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 6,375-6,475 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 350 रुपये के सुधार के साथ 13,350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 40-40 रुपये सुधरकर क्रमश: 2,380-2,480 रुपये और 2,380-2,505 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 225-225 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 4,625-4,675 रुपये और 4,325-4,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 300 रुपये, 250 रुपये और 175 रुपये मजबूत होकर क्रमश: 13,700 रुपये, 13,400 रुपये और 9,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 5,750-6,125 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 50 रुपये और 15 रुपये सुधरकर क्रमश: 14,250 रुपये और 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

दूसरी ओर, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 150 रुपये की गिरावट के साथ 12,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 50 रुपये की गिरावट के साथ 14,050 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 12,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सुधार के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 200 रुपये मजबूत होकर 13,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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