बीते सप्ताह नेफेड की बिकवाली से सोयाबीन तिलहन में गिरावट, बाकी में सुधार

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नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) सहकारी संस्था नेफेड द्वारा सोयाबीन की बिकवाली जारी रहने के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजार में सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई जबकि विदेशों में खाद्यतेलों के दाम मजबूत होने से बाकी सभी तेल-तिलहनों में सुधार देखने को मिला।

मंडियों में आवक कम रहने और सुस्त कारोबारी गतिविधियों के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सहकारी संस्था नेफेड की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कमजोर हाजिर दाम पर सोयाबीन की बिकवाली जारी रहने के बीच सोयाबीन तिलहन के भाव गिरावट के साथ बंद हुए।

बीते सप्ताह से पहले जिस सोयाबीन डीगम तेल का दाम 1,110-1,115 डॉलर प्रति टन था वह समीक्षाधीन सप्ताह में बढ़कर 1,115-1,120 डॉलर प्रति टन हो गया। विदेशों में डीगम तेल के दाम में इस तेजी के कारण बीते सप्ताह सोयाबीन तेल कीमतों में मजबूती देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, जिस कच्चा पामतेल (सीपीओ) का दाम बीते सप्ताह से पहले 1,100-1,105 डॉलर प्रति टन था वह समीक्षाधीन सप्ताह में बढ़कर 1,110-1,115 डॉलर प्रति टन हो गया। अब चाहे जितनी सट्टेबाजी हो जाये, जब पहले के दाम पर ही पाम-पामोलीन का खपना दूभर था तो अब और बढ़े हुए दाम पर खपने का सवाल नहीं उठता। विदेशों में दाम बढ़ने से पाम-पामोलीन तेल के दाम ऊंचा बोले गये।

सूत्रों ने कहा कि एक अजीब स्थिति है कि देश खाद्यतेलों की अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए लगभग 55 प्रतिशत आयात पर निर्भर है और देश में हाल के दिनों में आयात भी कम हो रहा है। इसके बावजूद मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी, सोयाबीन जैसे खाद्यतेलों के दाम एमएसपी से कम हैं और इस कमजोर दाम पर इन तेलों को लिवाल ना मिले, यह आश्चर्यजनक है।

कच्ची घानी सरसों तेल निर्माता बड़ी कंपनियों की कुछ मांग निकलने से बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन में कुछ सुधार है पर एमएसपी से हाजिर दाम अभी भी कम ही है। कमजोर हाजिर दाम पर किसानों द्वारा सरसों की बिक्री से बचने के प्रयास के तहत मंडियों में आवक कम लाने से भी सरसों कीमतों में सुधार आया। अप्रैल में सरसों की आमतौर पर आवक 12-14 लाख बोरी की देखी जाती थी लेकिन इस बार यह आवक 6-7 लाख बोरी की ही देखी जा रही है। यह आवक का चरम समय होता था लेकिन इस बार कम आवक होना, समझ से परे है।

उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मूंगफली की भी मंडियों में आवक कम रहने तथा सरकारी बिक्री जारी रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्व सप्ताह के बंद स्तर पर अपरिवर्तित रहे। वैसे मूंगफली, एमएसपी से 16-17 प्रतिशत नीचे के हाजिर दाम पर बिक रहा है।

सूत्रों ने कहा कि कम उपलब्धता और विदेशी तेलों में मजबूती के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल के दाम में भी मजबूती देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि प्रमुख तेल उद्योग संगठन, सोपा ने भी सरकार से सोयाबीन की आगामी बिजाई से पहले सोयाबीन की सरकारी बिक्री रोकने का अनुरोध किया था। लेकिन बिक्री अभी रोकी नहीं गयी है जिससे सोयाबीन की आगामी बुवाई पर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। यही हाल मूंगफली बिजाई के मामले में भी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 से तेल-तिलहन उद्योग संकट के दौर में फंसा है जब बाजार सस्ते आयातित तेलों से पटा रहा और देशी तेल-तिलहन का खपना दूभर हो गया। इस झटके से बाजार अभी भी उबर नहीं पाया है। गिरावट का यह आलम था कि आयातक जिस दाम पर आयात कर रहे थे, बैंकों पर अपना ऋण साख पत्र (लेटर आफ क्रेडिट) धुमाते रहने के लिए, यही आयातित तेल, लागत से सस्ते दाम पर बेचने की मजबूरी रही। यह सिलसिला काफी समय से जारी है और तेल-तिलहन उद्योग के अधिकांश अंशधारकों की वित्तीय हालत नाजुक हो चली है।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 6,275-6,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 15-15 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,350-2,450 रुपये और 2,350-2,475 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में एक ओर जहां सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 100-100 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,450-4,500 रुपये और 4,150-4,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 100 रुपये, 100 रुपये और 50 रुपये बढ़कर क्रमश: 13,500 रुपये, 13,350 रुपये और 9,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित बने रहे। मूंगफली तिलहन का दाम 5,725-6,100 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 14,150 रुपये और 2,245-2,545 रुपये प्रति टिन पर अपरिवर्तित रुख दर्शाता बंद हुआ।

विदेशों में दाम सुधरने के बीच, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 25 रुपये के सुधार के साथ 12,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 13,650 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 12,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

विदेशी तेलों में तेजी के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 50 रुपये सुधरकर 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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