इंफाल, एक अप्रैल (भाषा) मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पूर्वोत्तर को एक “रणनीतिक मोहरे” के रूप में फंसाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने बांग्लादेशी सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से भारत के बारे में बिना सोचे-समझे टिप्पणी नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह “न केवल मूर्खतापूर्ण है, बल्कि इसके दुष्परिणाम भी होंगे”।
बांग्लादेश को क्षेत्र में “महासागर का एकमात्र संरक्षक” बताते हुए यूनुस ने चीन से उनके देश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने का आग्रह किया और कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जमीन से घिरा होना एक अवसर साबित हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सिंह ने कहा, “यह स्पष्ट है कि मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश की उनकी अंतरिम सरकार अपनी भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए पूर्वोत्तर को रणनीतिक मोहरे के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है। इस तरह के भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयान एक नेता के लिए अनुचित हैं और मैं उनकी टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।”
उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल स्पष्ट हो कि भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता और इसे कोई चुनौती नहीं दे सकता। मोहम्मद यूनुस को संयम बरतना चाहिए; भारत जैसे देश के बारे में बिना सोचे-समझे टिप्पणी करना न केवल मूर्खतापूर्ण है, बल्कि इसके ऐसे परिणाम होंगे जिनका उन्हें बाद में पछतावा हो सकता है।”
यूनुस ने यह टिप्पणी हाल ही में चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान की। सोमवार को इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया।
उन्होंने कहा, “भारत के पूर्वी हिस्से के सात राज्य सात बहनें कहलाते हैं। वे भारत के चारों ओर से जमीन से घिरे क्षेत्र हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बयान को “आक्रामक और अत्यधिक निंदनीय” बताया, तथा पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की खोज को प्राथमिकता देने का आह्वान किया, जिससे ‘चिकन नेक’ को प्रभावी रूप से दरकिनार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी “रणनीतिक ‘चिकन नेक’ गलियारे से जुड़ी लगातार भेद्यता के विमर्श” को रेखांकित करती है।
‘चिकन नेक’ जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। यह सिलीगुड़ी शहर के चारों ओर का क्षेत्र है जो पूर्वोत्तर के सात राज्यों को भारत से जोड़ता है।