ईरान और अमेरिकी राजदूतों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पहली बार की सीधी बातचीत

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ईरान-अमेरिकी

मस्कट, 13 अप्रैल (एपी) ईरान और अमेरिका के राजदूतों ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रमों पर शनिवार को बातचीत की और अगले सप्ताह दोनों के बीच इस मामले में दूसरे दौर की बातचीत होगी। ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने अपनी एक खबर में यह जानकारी दी।

ईरान के सरकारी प्रसारक ने शनिवार को खुलासा किया कि पश्चिम एशिया के लिए अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ‘‘संक्षेप में बातचीत’’ की। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के बाद से यह पहली बार है कि दोनों देशों ने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर आमने सामने की बातचीत की है।

खबर में बताया गया कि भले ही दोनों पक्षों के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई लेकिन यह वार्ता अच्छी रही।

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय एवं आवास व्हाइट हाउस ने शनिवार दोपहर एक बयान जारी किया और बातचीत को ‘‘बेहद सकारात्मक तथा रचनात्मक’’ करार दिया। हालांकि बयान में यह भी कहा गया कि जिन मुद्दों का हल तलाशा जाना हैं वे ‘‘बेहद जटिल हैं।’’

व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘विशेष दूत विटकॉफ का आज का सीधा संवाद पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए मियामी जाते समय ‘एयर फ़ोर्स वन’ विमान में संवाददाताओं से कहा कि बातचीत ‘‘ठीक दिशा में हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपको नहीं बता सकता क्योंकि जब तक ये पूरी नहीं हो जाएं तब तक कुछ भी मायने नहीं रखता इसलिए मुझे इसके बारे में बात करना पसंद नहीं है लेकिन ये ठीक दिशा में हो रही हैं।’’

ईरान और अमेरिका की ओर से जारी बयानों के अनुसार अगले दौर की बातचीत अगले शनिवार 19 अप्रैल को होगी।

ईरान के विदेश मंत्री और अमेरिकी राजदूत के बीच पहली दौर की वार्ता ओमान की राजधानी मस्कट के बाहरी इलाके में एक स्थान पर दो घंटे से अधिक समय तक हुई। यह बातचीत स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई और शाम करीब 5:50 बजे समाप्त हुई।

ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने कहा कि दोनों देशों का एक निष्पक्ष और बाध्यकारी समझौते को अंतिम रूप देने का साझा लक्ष्य है।

अल-बुसैदी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ मैं इस बातचीत के लिए अपने दोनों सहयोगियों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। यह वार्ता अंततः क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता हासिल करने के पक्ष वाली थी।’’

दरअसल ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को लेकर दोनों देशों के बीच खासा तनातनी है। ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेगा। वहीं ईरानी अधिकारी भी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को संवर्धित करके परमाणु हथियार बना सकते हैं।

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