भारत के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र ने मोदी सरकार के कार्यकाल में लंबी छलांग ली: नड्डा

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ऋषिकेश, 15 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में एक लंबी छलांग लगाई है और देश में एम्स की संख्या बढ़कर 23 हो गयी है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे है।

नड्डा ने ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित एम्स सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।

उन्होंने कहा, “इस सदी के आगमन तक दिल्ली में एम्स देश में अपनी तरह का एकमात्र संस्थान था। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद छह एम्स और स्थापित किए गए जिनमें से एम्स-ऋषिकेश एक है।”

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नड्डा ने कहा, “लेकिन पिछले 10 वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में 16 और एम्स बनाये गये जिससे कुल संख्या 23 हो गई।”

उन्होंने ‘टेलीमेडिसिन’ के प्रसार के क्षेत्र में अच्छा काम करने और दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर दिल्ली स्थित एम्स और चंडीगढ़ स्थित पीजीआई के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए ऋषिकेश स्थित एम्स की प्रशंसा की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए ऋषिकेश स्थित एम्स की सराहना की, जिसमें 309 गंभीर रोगियों को बचाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष अक्टूबर में ‘एयर एंबुलेंस’ सेवा की शुरुआत की थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या पिछले 10 वर्षों में 387 से बढ़कर 780 हो गई है, जो दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोले जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ऐसे दूरस्थ स्थानों पर भी मेडिकल कॉलेज खोले गये हैं, जहां कोई भी एक समय में उनकी कल्पना नहीं कर सकता था।”

नड्डा ने आज के नीति निर्माताओं के दृष्टिकोण के लिए सुधारात्मक परिवर्तनों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, “आज, आपके पास यहीं विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं। आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है।”

केंद्रीय मंत्री ने नई स्वास्थ्य नीति पर भी बात की, जिसमें उपचारात्मक स्वास्थ्य से निवारक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना कैसे देश के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

नड्डा ने कहा कि शिक्षा जन्मसिद्ध अधिकार है न की व्यावसायिक शिक्षा।

उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा को समाज द्वारा दिए गए एक विशेषाधिकार के रूप में वर्णित किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “एक पेशेवर पाठ्यक्रम में प्रत्येक छात्र पर सरकार प्रति वर्ष 35 लाख रुपये खर्च कर रही है। इसलिए, समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी बहुत अधिक है।”

उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को मंगलवार को उपाधियों से सम्मानित किया गया, उन्हें इस दिन को एक लंबी यात्रा की शुरुआत के रूप में देखना चाहिए और संस्थान में समाज की सेवा के लिए सीखे गए कौशल का उपयोग करना चाहिए।

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