नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के इंडिया बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में देशभर में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है। बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी।
इंडियन बैंक ने भुवनेश्वर के रेलवे ऑडिटोरियम में विशाल एसएचजी ऋण पहुंच कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें ओडिशा भर के एसएचजी को उल्लेखनीय वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
बैंक ने बयान में कहा कि भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा अखिल भारतीय पहल के हिस्से के रूप में, यह कार्यक्रम एक करोड़ एसएचजी महिलाओं को ऋण पहुंच के साथ सशक्त बनाने के राष्ट्रीय मिशन में इंडियन बैंक के योगदान को दर्शाता है।
यह कार्यक्रम समावेशी और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के उद्देश्य से ‘विकसित भारत-2047’ पर सरकार के दृष्टिकोण के साथ भी जुड़ा है।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू, इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बिनोद कुमार और कार्यकारी निदेशक महेश कुमार बजाज भी मौजूद थे।
बैंक ने कहा कि कुल 9,961 स्वयं सहायता समूहों को 509.91 करोड़ रुपये की राशि के स्वीकृति पत्र प्राप्त हुए, जिससे जमीनी स्तर की महिला उद्यमियों को समय पर और परिवर्तनकारी वित्तीय सहायता मिली।
इस कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की प्रेरक सफलता की कहानियां और हस्तशिल्प, कृषि प्रसंस्करण और वस्त्र जैसे विविध क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित उद्यमों का प्रदर्शन भी किया गया।
यह पहल इंडियन बैंक की व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2025-26 में देश भर में स्वयं सहायता समूहों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए जाएंगे।