लंदन, 26 अप्रैल (भाषा) पहलगाम आतंकवादी हमले मद्देनजर लंदन में विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए प्रवासीय भारतीयों के समूहों और यहां पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर जवाबी प्रदर्शन करने वालों का आमना-सामना हुआ। इस दौरान एक पाकिस्तानी राजनयिक अधिकारी को धमकी भरे इशारे करते हुए देखा गया।
भारतीय समूहों द्वारा शुक्रवार शाम सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में पाकिस्तानी अधिकारी को लोन्डेस स्क्वायर में स्थित मिशन भवन की बालकनी से भारतीय प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारे करते हुए देखा जा सकता है। राजनयिक ने फरवरी 2019 में पाकिस्तान में पकड़े गए भारतीय वायुसेना के पायलट कैप्टन अभिनंदन वर्धमान का पोस्टर दिखाकर ये इशारे किए।
विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीयों ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर पाकिस्तान से “कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने” का आह्वान किया गया था।
फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी इंटरनेशनल (एफआईएसआई) यूके के प्रवक्ता ने कहा, “हम कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के कारण निर्दोष लोगों की हत्या किए जाने की निंदा करने के लिए एकत्र हुए हैं। हम सख्त अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग करते हैं और ब्रिटेन सरकार से भारत के साथ खड़े होने तथा पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एक चौंकाने वाली और पूरी तरह से निंदनीय हरकत करते हुए ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक सदस्य ने भारत के विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर लहराई और बर्बर तरीके से गला काटने का इशारा किया। यह कृत्य न केवल घोर शत्रुता को दर्शाता है, बल्कि राजनयिक मानदंडों व मानवीय शालीनता के लिए खतरनाक भी है।”
लंदन में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर लगे पोस्टरों में लिखा था, ‘‘एकता, न्याय और मानवता के लिए खड़े होने तथा निर्दोष लोगों पर आतंकवादी हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए हमारे साथ जुड़ें।’’
पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने लाउडस्पीकरों पर देशभक्ति गीत बजाकर भारतीय प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन को दबाने का प्रयास किया।
बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने नस्लीय टिप्पणी के लिए कम से कम एक प्रदर्शनकारी को हिरासत में लिया है।
भारतीय प्रदर्शनकारियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद ‘ऑल आइज ऑन पहलगाम’ नाम से विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था।
पाकिस्तान से संबद्ध प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग कहे जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने हमले की जम्मेदारी ली है।