नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) भारत और 62 अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र की पोत परिवहन एजेंसी के उद्योग पर पहले वैश्विक कार्बन कर लगाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है।
एक सप्ताह की गहन बातचीत के बाद शुक्रवार को लंदन में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के मुख्यालय में इस बारे में फैसला किया गया। इस कदम का मकसद पानी के जहाजों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है।
यह पहली बार है, जब किसी पूरे उद्योग पर वैश्विक कार्बन कर लगाया गया है। इसके तहत 2028 से जहाजों को या तो कम उत्सर्जन वाले ईंधन को अपनाना होगा या उनके द्वारा किये गए प्रदूषण के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा।
इस कर से 2030 तक 40 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि जुटाई जा सकती है। इस समझौते को अंतरराष्ट्रीय जलवायु नीति के लिए एक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
कार्बन कर से जुटाए गए राजस्व का इस्तेमाल समुद्री क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के लिए किया जाएगा।