भारत, अमेरिका को व्यापार समझौते से पहले ‘शीघ्र पारस्परिक लाभ’ की तलाश

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नयी दिल्ली,  भारत और अमेरिका इस साल के अंत तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने से पहले ‘शीघ्र पारस्परिक लाभ’ हासिल करने के लिए वस्तुओं में अंतरिम व्यापार व्यवस्था के अवसरों की तलाश कर रहे हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों ने उद्योग क्षेत्रों के स्तर की वार्ता शुरू कर दी है और मई के अंत से बातचीत तेज करने की योजना बनाई गई है।

भारत के मुख्य वार्ताकार एवं वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में तीन दिनों तक इस बारे में चर्चा की।

इस दौरान दोनों ही पक्षों ने आयातित माल पर सीमा शुल्क और गैर-शुल्क मामलों समेत व्यापक विषयों पर विचार-विमर्श किया।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “टीम ने साल 2025 की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने की राह को लेकर चर्चा की। इसमें शुरुआती पारस्परिक जीत के अवसर भी शामिल हैं।”

एक अधिकारी ने कहा, “शुरुआत में हम वस्तु व्यापार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारतीय पक्ष द्वारा उठाए जा रहे गैर-शुल्क अवरोधों में समुद्री जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।”

उन्होंने कहा कि औपचारिक पहले दौर की वार्ता मई की बैठकों के बाद शुरू होने की उम्मीद है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई देशों से होने वाले आयात पर ऊंचा सीमा शु्ल्क लगाने की घोषणा और फिर उसमें संशोधन के बाद यह समझौता काफी अहम माना जा रहा है।

भारत और अमेरिका ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण इस साल अक्टूबर तक पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके लिए दोनों ही देशों के वार्ताकारों ने मार्च से बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया है।

इस बीच अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि भारत ट्रंप के जवाबी शुल्क से बचने के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने वाले पहले देशों में से एक हो सकता है।

बेसेंट ने सोमवार को सीएनबीसी के ‘स्क्वाक बॉक्स’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारे एशियाई व्यापारिक साझेदारों के साथ बातचीत बेहद अच्छी तरह चल रही है। (अमेरिका के) उप राष्ट्रपति (जेडी) वेंस पिछले सप्ताह भारत में थे और उन्होंने प्रगति पर चर्चा की।’’

बेसेंट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की सभी देशों पर 10 प्रतिशत मूल शुल्क लागू करने लेकिन व्यक्तिगत व्यापारिक साझेदारों पर आक्रामक शुल्क को 90 दिन के लिए टालने की घोषणा के बाद से अमेरिका ने कई वार्ताओं में प्रगति की है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि भारत के साथ व्यापार समझौता उन समझौतों में से एक होगा जिन पर हम सबसे पहले हस्ताक्षर करेंगे। इसलिए इस क्षेत्र पर नजर रखें।’’

भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायतें चाहता है।

दूसरी तरफ, अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन (खासकर इलेक्ट्रिक वाहन), शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी और कुछ कृषि वस्तुओं पर शुल्क रियायतें चाहता है।

 

 

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