भारत, इटली ने आईएमईईसी पहल को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया

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नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) भारत और इटली ने व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है तथा महत्वाकांक्षी भारत-मध्य एशिया-यूरोप-आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के क्रियान्वयन में संयुक्त रूप से काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।

संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना (जेएसएपी) 2025-29 के फ्रेमवर्क के तहत भारत-इटली सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर कल शाम विदेश मंत्री एस. जयशंकर और इतालवी उप प्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी के बीच बातचीत के दौरान प्रमुखता से चर्चा हुई।

विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री तजानी शुक्रवार से दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में जयशंकर और तजानी ने जेएसएपी के दायरे में बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। दोनों के बीच व्यापार व निवेश, रक्षा व सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा हुई।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारत-इटली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर, दूरसंचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव ईंधन, शिक्षा और युवाओं तथा पेशेवरों के आवागमन आदि क्षेत्रों में विशाल संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पिछले वर्ष नवंबर में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुई बैठक के बाद जेएसएपी की घोषणा की थी।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जयशंकर और तजानी ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने और जेएसएपी से ठोस परिणाम सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर और तजानी ने रणनीतिक पहल आईएमईईसी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस संदर्भ में, विदेश मंत्री ने आईएमईईसी के लिए इटली द्वारा विशेष दूत की नियुक्ति का स्वागत किया।

आईएमईईसी पहल के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग व शिपिंग नेटवर्क की परिकल्पना की गई है, जिसका उद्देश्य एशिया, मध्य एशिया और पश्चिमी देशों के बीच एकीकरण सुनिश्चित करना है।

दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईईसी पहल को अंतिम रूप दिया गया था। गलियारे के लिए भारत, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और कुछ अन्य जी20 भागीदारों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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