वेलिंगटन (तमिलनाडु), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘ग्रे जोन’ और ‘हाइब्रिड’ (मिश्रित) युद्ध के युग में साइबर हमले तथा गलत सूचना अभियान राजनीतिक-सैन्य उद्देश्यों की प्राप्ति के साधन बन रहे हैं।
रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि वर्तमान में जारी संघर्ष और समकालीन रुझान इस तथ्य को उजागर करते हैं कि युद्ध की परंपरागत धारणाएं नए सिरे से परिभाषित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उभरती प्रौद्योगिकियां मानवरहित प्रणालियों के साथ युद्ध के चरित्र को प्रभावित कर रही हैं। आज युद्ध थल, समुद्र और आकाश के परंपरागत युद्धक्षेत्रों से परे चला गया है।’’
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए एक बहुआयामी माहौल में संयुक्त परिचालन की जरूरत बढ़ेगी जहां साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध भी परंपरागत अभियानों की तरह शक्तिशाली होंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम ‘ग्रे जोन’ और मिश्रित युद्ध के युग में हैं जहां साइबर हमले, गलत सूचनाओं का प्रचार और आर्थिक युद्ध ऐसे साधन बन गए हैं जिनसे एक भी गोली दागे बिना राजनीतिक-सैन्य उद्देश्यों को लक्ष्य बनाने के साथ ही उन्हें हासिल भी किया जा सकता है।’’
‘ग्रे जोन’ से आशय ऐसे कालखंड से हैं जहां युद्ध और शांति के बीच के समय में राज्य और राज्येतर तत्वों के बीच एक दूसरे पर हावी होने की प्रतिस्पर्धा होती है। इसमें गैर-परंपरागत तरीकों और रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाता है जो परंपरागत युद्ध के दायरे में नहीं आते।
उन्होंने कहा कि भारत और पूरी दुनिया विविध प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही है।
सिंह ने कहा, ‘‘हमारे मामले में देखें तो उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हमारे सामने सतत खतरे बने हुए हैं। छद्म युद्ध और हमारे पड़ोस में आतंकवाद के केंद्र से पैदा होती दहशतगर्दी के कारण यह खतरा और जटिल हो जाता है।’’