संयुक्त राष्ट्र, 18 अप्रैल (भाषा) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) के अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि विश्व निकाय के सुरक्षा परिषद के विस्तार पर निर्णय लिया जाता है तो निश्चित रूप से भारत इसका एक प्रमुख दावेदार होगा।
राजदूत तारिक अलबनई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जाहिर है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगर सुधार किया जाता है, तो उसका उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह सभी देशों का सही प्रतिनिधित्व करे।”
उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक अहम और बड़ा देश है। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं। इसलिए सुधार करते समय यह देखा जाना चाहिए कि हर देश की आवाज सुनी जाए और सभी सदस्य देशों को प्रतिनिधित्व मिले, न कि सिर्फ कुछ बड़े और ताकतवर देशों को ही जगह दी जाए।’’
संयुक्त राष्ट्र में अलबनई कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि हैं।
‘पीटीआई-भाषा’ के एक सवाल के जवाब में अलबनई ने कहा, “यदि यह निर्णय लिया जाता है कि परिषद के सदस्यों की संख्या 21 से बढ़ाकर 27 की जाएगी, तो निश्चित रूप से भारत इसमें प्रमुख दावेदार होगा।”
उन्होंने याद किया कि पिछले साल उन्होंने और ऑस्ट्रिया के सह-अध्यक्ष राजदूत अलेक्जेंडर मार्शिक ने भारत का दौरा किया था और वहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार के मुद्दे पर “उच्चतम स्तर पर” बातचीत की थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के वर्तमान 79वें सत्र के दौरान आईजीएन प्रक्रिया में हुई प्रगति पर अद्यतन जानकारी देते हुए राजदूत ने कहा कि सुधार का मार्ग “निस्संदेह जटिल है, लेकिन हम आगे बढ़ने की दिशा में स्थिर और सार्थक कदम उठा रहे हैं।”