मुझे ऐसा लगा जैसे कोई फिल्म चल रही हो: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने नाम की घोषणा पर कहा

0
rekha-gupta-bjp-

नयी दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर अपने नाम की घोषणा होने को लेकर रेखा गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया को याद करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे कोई रील या फिल्म चल रही हो और इसके खत्म होने के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा।

गुप्ता ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नामित किये जाने के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कोई फोन कॉल या संदेश नहीं मिला था, बल्कि सीधे घोषणा कर दी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलीला मैदान में शपथ लेने के बाद मुझे यह आश्वस्त करने के लिए खुद को चिकोटी काटनी पड़ी कि यह कोई सपना तो नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तब मुझे लगा कि मैं यहां हूं और मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करना है।’’

गुप्ता ने कहा कि समाचार चैनलों ने जब उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए शीर्ष दावेदार के रूप में दिखाना शुरू किया तब उन्हें पता चला कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में विधायक दल की बैठक में यह स्पष्ट हो गया। तब तक मुझे पार्टी या कहीं और से कोई संदेश नहीं मिला था।’’

सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में भाजपा की दूसरी महिला मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि विधायक दल की बैठक के दौरान उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी कि उन्हें केवल वही जिम्मेदारियां दें जिन्हें वह निभा सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं सोच रही थी कि मैं मुख्यमंत्री बन जाऊंगी। इसके बजाय मैं यह सोच रही थी कि यदि मैं संयोग से मुख्यमंत्री बन गई तो क्या होगा? मैं सोच रही थी ‘हे भगवान, मुझे बस वही देना जो मैं संभाल सकती हूं’।’’

गुप्ता ने कहा कि जब भाजपा ने उन्हें शीर्ष पद पर बिठाने का फैसला किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि उन पर नयी जिम्मेदारी आ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘तब से मैं लगातार यह जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रही हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें किसी ने फोन करके बताया था कि उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त किया जायेगा, गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे किसी ने कोई फोन नहीं किया।’’

उन्होंने कहा कि अब व्यवस्था बदल गई है। उन्होंने कहा कि पहले लोग टेलीफोन के पास बैठकर कॉल का इंतजार करते थे और कहीं नहीं जाते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं कॉल छूट न जाए।

गुप्ता ने कहा कि उन्हें न तो कोई फोन कॉल आई और न ही कोई संदेश आया और पार्टी ने सीधे दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम की घोषणा कर दी थी।

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सुना कि वह मुख्यमंत्री बनेंगी तो उन्हें ऐसा लगा जैसे कोई सपना देख रही हूं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूं या क्या सोचूं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई रील, कोई फिल्म, कोई सपना चल रहा है और जब आंखें खुलेंगी तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा।’’

गुप्ता ने कहा कि लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एहसास हुआ कि मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गयी हूं और मुझे यह जिम्मेदानी निभानी होगी।’’

भाजपा ने 26 साल से अधिक समय बाद दिल्ली में सरकार बनाई हैं। फरवरी में हुए चुनाव में भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीट पर जीत दर्ज की।

शालीमार बाग से विधायक चुनी गईं गुप्ता (50) ने आम आदमी पार्टी (आप) की अपनी प्रतिद्वंद्वी बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। उन्होंने 20 फरवरी को रामलीला मैदान में अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *