नयी दिल्ली, इतिहासकार श्रीनाथ राघवन की आगामी पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक जीवन और भारत पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा।
पुस्तक ‘इंदिरा गांधी एंड द ईयर्स दैट ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया’ का विमोचन 30 मई को होना है। इसमें इंदिरा गांधी के कार्यकाल को एक नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिसमें राष्ट्रवाद, वैश्विक राजनीति और आर्थिक परिवर्तन की व्यापक लहरों के बीच लिए गए उनके निर्णयों पर रोशनी डाली जाएगी।
किताब का प्रकाशन ‘पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया’ द्वारा किया गया है।
लेखक ने एक बयान में कहा, ‘‘इंदिरा गांधी और उनका समय, विशेष रूप से आपातकाल, हमारी सामूहिक राजनीतिक स्मृति में बहुत बड़ा स्थान रखता है। फिर भी पचास साल बाद भी हमारे पास उस उथल-पुथल भरे समय को लेकर कोई उचित ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पुस्तक 1970 के दशक के वैश्विक संदर्भ में इंदिरा गांधी और उनके समकालीन लोगों के विचारों और विकल्पों के कथात्मक इतिहास द्वारा इस तरह का विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास करती है।’’
प्रकाशक के अनुसार, ‘‘यह किताब भारत और दुनिया भर से व्यापक शोध और हाल ही में अवर्गीकृत अभिलेखीय सामग्रियों पर आधारित है जिसके लिए राघवन ने लगभग 15 वर्षों तक काम किया।’’
प्रकाशन की उपाध्यक्ष और प्रधान संपादक मानसी सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘उपनिवैशिक कालखंड के बाद के इतिहास पर सावधानीपूर्वक ध्यान देते हुए, राघवन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व के विरोधाभासों का अध्ययन किया है।’’
राघवन की पूर्व लिखित पुस्तकों में ‘इंडियाज वॉर: द मेकिंग ऑफ मॉडर्न साउथ एशिया’ और ‘द मोस्ट डेंजरस प्लेस: ए हिस्ट्री ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स इन साउथ एशिया’ शामिल हैं।