अहमदाबाद, पांच अप्रैल (भाषा) गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को कहा कि इलेक्ट्रिक परिवहन के लिए प्रतिबद्ध राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) एवं सहयोगी उपकरणों का एक विनिर्माण केंद्र बनकर उभर रहा है।
पटेल ने अहमदाबाद से सटे चांगोदर में मैटर एनर्जी के ईवी विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा कि हरित वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन में कटौती और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के तरीके हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात में 2.64 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है जबकि 800 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं।
उन्होंने ईवी नीति-2021 और आत्मनिर्भर गुजरात योजना के बारे में बात करते हुए ‘हरित, स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल गुजरात’ बनाने का संकल्प भी जताया।
वर्ष 2021 में घोषित गुजरात राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक परिवहन की तरफ रुख करना और राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों एवं सहयोगी उपकरणों का विनिर्माण केंद्र बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत का वाहन उद्योग दुनिया से प्रतिस्पर्धा करने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। युवाओं को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ईवी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘इनोवेट इन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया। बदलते समय के साथ भारत ने ईवी क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बनने के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं और इसका बुनियादी ढांचा स्थापित किया है।”
उन्होंने कहा कि जनवरी, 2025 में देश की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 217.62 गीगावाट तक पहुंच गई और भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक देश बनने की दिशा में अग्रसर है।
इस अवसर पर मैटर एनर्जी के संस्थापक एवं समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहन लालभाई ने कहा कि इस संयंत्र में दुनिया की पहली निर्मित गियर वाली इलेक्ट्रिक मोटरबाइक ‘मैटर ऐरा’ का उत्पादन किया जाएगा। इस संयंत्र की वार्षिक क्षमता 1.20 लाख इकाइयों तक बढ़ाई जा सकेगी।