नयी दिल्ली, सरकार ने भूमिगत कोयला ब्लॉक के परिचालन में तेजी लाने के लिए बृहस्पतिवार को अग्रिम भुगतान से छूट देने जैसे नये प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की।
भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देना देश में पर्यावरण अनुकूल तरीके से कोयला उत्पादन अभियान को बढ़ावा देने के अनुरूप है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘कोयला मंत्रालय ने देश के कोयला क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई परिवर्तनकारी नीतिगत उपाय शुरू किए हैं।’’
ये सुधार उच्च पूंजी निवेश और रिटर्न आने में लंबी अवधि की चुनौतियों का समाधान करते हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘भूमिगत कोयला खदानों के लिए राजस्व हिस्सेदारी का न्यूनतम प्रतिशत चार प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इस कमी से पर्याप्त राजकोषीय राहत मिलेगी और वित्तीय रूप से भूमिगत परियोजनाओं व्यवहारिक होंगी।’’
भूमिगत खनन उद्यमों के लिए अनिवार्य अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। यह उपाय वित्तीय बाधा को दूर करता है, निजी क्षेत्र से व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और तेजी से परियोजना क्रियान्वयन की सुविधा देता है।
इन प्रोत्साहन उपायों के साथ भूमिगत कोयला ब्लॉक के लिए प्रदर्शन सुरक्षा पर मौजूदा 50 प्रतिशत छूट को बरकरार रखा गया है। यह सामूहिक रूप से प्रवेश सीमा को कम करता है और परियोजना क्रियान्वयन को सुचारू बनाता है।
भूमिगत कोयला खनन अधिक पर्यावरण अनुकूल है, क्योंकि यह खुले खदान में खनन की तुलना में सतह पर काफी कम बाधा उत्पन्न करता है। इन नीतिगत उपायों से कंपनियों के आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होने की उम्मीद है जो पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करते हुए उत्पादकता को बढ़ावा देंगे।