नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) सरकार ने एक अप्रैल से शुरू हुए विपणन सत्र 2025-26 में अबतक लगभग 60 लाख टन गेहूं खरीदा है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने चालू सत्र के लिए 3.1 करोड़ टन की खरीद का लक्ष्य रखा है, जिसमें से लगभग दो करोड़ टन प्रमुख उत्पादक राज्यों – पंजाब और हरियाणा से तथा शेष अन्य राज्यों से आने की उम्मीद है।
कृषि मंत्रालय द्वारा फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 11.5 करोड़ टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाने के बावजूद यह लक्ष्य कम है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अबतक खरीदी गई अधिकांश फसल की मात्रा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से आई है। आने वाले दिनों में पंजाब और हरियाणा से खरीद में तेजी आएगी।’’
अधिकारी ने कहा कि फसल की पैदावार अच्छी बताई जा रही है और खरीद लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। वर्ष 2024-25 में सरकारी गेहूं खरीद 3.0-3.2 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले 2.66 करोड़ टन थी। यह वर्ष 2023-24 में खरीदे गए 2.62 करोड़ टन से अधिक है, जब लक्ष्य तीन करोड़ 41.5 लाख टन था।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने अबतक गेहूं की बुवाई वाले अनुमानित 3.2 करोड़ हेक्टेयर में से 38 प्रतिशत की कटाई की है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार में कटाई की स्थिति बेहतर बताई गई है।
गेहूं की खरीद एक महत्वपूर्ण सरकारी कार्य है जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों को गारंटीकृत कीमतों का समर्थन करना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए बफर स्टॉक बनाए रखना है। इस प्रक्रिया का प्रबंधन मुख्य रूप से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है।