नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि जर्मनी की नयी सरकार ने भारत के साथ अपनी साझेदारी को और अधिक मजबूत करने की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसमें खासतौर पर रक्षा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा।
एकरमैन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जर्मनी में दो दलों के बीच हुए गठबंधन समझौते में कई बार स्पष्ट रूप से भारत का उल्लेख किया गया है।
एकरमैन ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “सबसे अहम बात यह है कि यह सरकार भारत के साथ सहयोग बढ़ाना चाहती है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहती है।”
जर्मनी की नयी सरकार ने अभी आधिकारिक रूप से शपथ नहीं ली और अगले दो हफ्तों में संसद में चांसलर के चुनाव और मंत्रियों की नियुक्ति होनी है लेकिन एकरमैन ने नए प्रशासन के तहत भारत-जर्मनी संबंधों के आगे बढ़ने की आशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर सकते हैं कि जर्मनी की नयी सरकार भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध होगी।”
रक्षा सहयोग के संबंध में राजदूत ने दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में “बढ़ती प्रगाढ़ता” का उल्लेख किया, जिसका ध्यान भारत-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित है।
एकरमैन ने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच मजबूत होते संबंधों पर जोर दिया तथा प्रस्तावित पनडुब्बी सौदे के प्रति जर्मनी की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की, जिसकी वर्तमान में भारत सरकार समीक्षा कर रही है।
उन्होंने कहा, “जर्मनी की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम इस समझौते के प्रति बहुत प्रतिबद्ध और समर्पित हैं, तथा हम इसका यथासंभव सहयोग करेंगे।”
जर्मनी ने भारत के ‘प्रोजेक्ट-75आई’ कार्यक्रम में गहरी रुचि व्यक्त की है, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है।
कई सप्ताह की गहन बातचीत के बाद, जर्मनी के सीडीयू/सीएसयू गुट और वामपंथी दल एसपीडी अगली सरकार बनाने के लिए गठबंधन समझौते पर पहुंच गए हैं।