मुंबई, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे तथा विपक्ष के कुछ अन्य नेताओं ने बृहस्पतिवार को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का स्वागत किया।
अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में भाग ले रहे शिंदे ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह अच्छी बात है।’’
शिंदे 2012 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में गृह मंत्री थे, जब मुंबई आतंकवादी हमला करने वाले पाकिस्तान के आतंकियों में से जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा राणा (64) का आवेदन खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल रहा और अब उसे भारत लाया जा रहा है।
राणा के भारत पहुंचने पर उसे नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है।
वह पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व गृह मंत्री जयंत पाटिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि राणा के प्रत्यर्पण से पाकिस्तान की एक आतंकी देश के रूप में भूमिका को उजागर करने और 26/11 आतंकी हमलों के सभी साजिशकर्ताओं के नाम उजागर करने में मदद मिलेगी।
पाटिल ने कहा कि सही तरीके से मुकदमा चलना चाहिए।
शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण आतंकवादी हमले के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने बुधवार रात ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अब डेविड हेडली और हाफिज सईद को यहां खींचकर लाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए।’’