अनुभवी फॉरवर्ड वंदना कटारिया ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहा

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वंदना-कटारिया

नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) भारतीय महिला टीम की दिग्गज खिलाड़ी वंदना कटारिया ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया और कहा कि अपने 15 वर्ष के सुनहरे कैरियर के शिखर पर वह विदा ले रही हैं ।

भारत के लिये 320 मैच खेल चुकी 32 वर्ष की स्ट्राइकर कटारिया ने भारतीय महिला हॉकी के इतिहास में सबसे ज्यादा मैच खेले हैं ।

उन्होंने कहा ,‘‘ आज भारी लेकिन कृतज्ञ मन से मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से विदा ले रही हूं । यह फैसला सशक्त सशक्त करने वाला और दुखी करने वाला दोनों है। “मैं इसलिए नहीं हट रही हूँ क्योंकि मेरे अंदर की आग मंद पड़ गई है या मेरे भीतर हॉकी नहीं बची है बल्कि इसलिए क्योंकि मैं अपने करियर के शिखर पर संन्यास लेना चाहती हूँ, जबकि मैं अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हूँ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ यह विदाई थकान की वजह से नहीं है । यह अंतरराष्ट्रीय मंच को अपनी शर्तों पर छोड़ने का एक विकल्प है, मेरा सिर ऊंचा रहेगा और मेरी स्टिक अभी भी आग उगल रही होगी। भीड़ की गर्जना, हर गोल का रोमांच और भारत की जर्सी पहनने का गर्व हमेशा मेरे मन में गूंजता रहेगा।’’

2009 में सीनियर टीम में पदार्पण करने वाली कटारिया तोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम का हिस्सा थी जिसमें उन्होंने हैट्रिक भी लगाई । ऐसा करनी वाली वह पहली और इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी हैं ।

कटारिया ने कहा ,‘‘ अपनी साथी खिलाड़ियों, अपनी बहनों से मैं यही कहूंगी कि आपके लगाव और विश्वास ने मुझे बल दिया । मेरे कोचों और मेंटर्स ने अपनी सूझबूझ और मुझ पर भरोसे के सहारे मेरे कैरियर को तराशा ।’’

हरिद्वार की रहने वाली कटारिया ने फरवरी में भुवनेश्वर में एफआईएच प्रो लीग में भारत के लिये आखिरी मैच खेला ।

उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ मेरे दिवंगत पिता मेरी चट्टान, मेरे मार्गदर्शक थे । उनके बिना मेरा सपना कभी पूरा नहीं होता । उनके बलिदानों और प्यार से मेरे खेल की नींव पड़ी । उन्होंने मुझे सपने देखने, लड़ने और जीतने के लिये मंच दिया ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन मेरी कहानी यहां खत्म नहीं होती । यह नयी शुरूआत है । मैं हॉकी उठाकर नहीं रखूंगी । मैं खेलती रहूंगी । हॉकी इंडिया लीग में और उसके अलावा भी । टर्फ पर अभी भी मेरे कदम पड़ेंगे और खेल के लिये मेरा जुनून कम नहीं होगा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से विदा ले रही हूं लेकिन हर स्मृति, हर सबक और सारा प्यार साथ लेकर जा रही हूं ।’’

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