रामगढ़ (झारखंड), मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पूरी तरह ‘‘सुरक्षित’’ हैं और इनसे ‘‘छेड़छाड़’’ करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को इंटरनेट, ब्लूटूथ या इंफ्रारेड से नहीं जोड़ा जा सकता और इसके साथ छेड़छाड़ करना किसी भी तरह से संभव नहीं है।
झारखंड के रामगढ़ जिले में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘ईवीएम की कानूनी पड़ताल की जा चुकी है। भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम को इंटरनेट, ब्लूटूथ या इंफ्रारेड से नहीं जोड़ा जा सकता है। ईवीएम को किसी भी तरह से किसी चीज से नहीं जोड़ा जा सकता। इससे छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। इसलिए, भारत की ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं।’’
उन्होंने कहा कि पांच करोड़ से अधिक वीवीपैट (वोटर-वेरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों की गिनती की जा चुकी है और अब तक किसी विसंगति की सूचना नहीं मिली है।
झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार शाम को कुमार रांची पहुंचे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने शनिवार को रामगढ़ में चुनाव अधिकारियों से बातचीत की।
कुमार ने यहां निर्वाचन अधिकारियों और ‘वॉलेंटियर’ से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि भारत का हर नागरिक, जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, उसे मतदाता बनना चाहिए।
कुमार ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी कार्ड) से संबंधित कोई भी अपील जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पास लंबित नहीं है, जिसका अर्थ है कि झारखंड में मतदाता सूची मतदाताओं और अन्य के लिए लगभग 100 प्रतिशत संतोषजनक है।