ठाणे, 19 अप्रैल (भाषा) घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (एनआईसीबी) के जमाकर्ताओं ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियुक्त सलाहकारों और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है तथा इस सहकारी बैंक के पुनरुद्धार या विलय के लिए ठोस रोडमैप एवं उनके (जमाकर्ताओं के) हितों की बेहतर सुरक्षा की मांग की है। एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
‘एनआईसीबी डिपॉजिटर्स फाउंडेशन’ आरबीआई द्वारा 13 फरवरी 2025 को प्रतिबंध लगाये जाने से उत्पन्न स्थिति में जमाकर्ताओं का विश्वास बहाल करने और हजारों खाताधारकों के वित्तीय तनाव को कम करने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग कर रहा है।
मुंबई पुलिस ने 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष टी एन रघुनाथ ने कहा कि जमाकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रभादेवी स्थित बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय में आरबीआई द्वारा नियुक्त सलाहकार रवींद्र चव्हाण और रवींद्र सपरा से मुलाकात की।
रघुनाथ ने बताया कि बातचीत के दौरान सलाहकारों ने बैंक के भविष्य के प्रति आशावादी दृष्टिकोण पेश किया।
उन्होंने कहा, ‘‘सलाहकार, बैंक की स्थिति दुरुस्त करने की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक थे। उन्होंने कहा कि संभावित विलय समेत कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन उनका कहना था कि इस स्तर पर विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जा सकती।’’
फाउंडेशन ने जमाकर्ताओं, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और सहकारी आवास समितियों के सामने आ रही गंभीर कठिनाई का हवाला देते हुए निकासी की सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रति खाताधारक करने की भी मांग की।