नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) इलेक्ट्र्रनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों को सरकार की प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए ‘डिजायन टीम’ बनाने के साथ अपने काम में उच्च गुणवत्ता का स्तर हासिल करना होगा।
वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय इसे औपचारिक मानदंड नहीं बनाएगा, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक कल-पुर्जों की विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के लिए आवेदनों को मंजूरी देने से पहले इन कारकों पर गौर जरूर करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस योजना में प्रत्येक भागीदार से एक डिजायन टीम बनाने का अनुरोध करता हूं। हमने इसे मंजूरी के औपचारिक मानदंड के रूप में शामिल नहीं किया है, लेकिन यह मंजूरी के अनौपचारिक मानदंड की तरह होगा।’’
मंत्री ने ईसीएमएस के लिए दिशानिर्देशों पर एक पोर्टल पेश करते कहा कि कुछ कंपनियों ने 5,000 इंजीनियरों की डिजायन टीम बनाई हैं।
वैष्णव ने कहा, ‘‘यदि आपके पास डिजायन टीम नहीं है और भले ही आप अपने सभी मापदंडों को पूरा कर रहे हों, तो हम आपको मंजूरी नहीं देंगे। डिजायन टीम गठित करनी ही होंगी।’’
उन्होंने विनिर्माताओं से अपने उत्पादों में उच्च गुणवत्ता हासिल करने के लिए भी कहा।
वैष्णव ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहूंगा कि कृपया अपने हर काम में ‘सिक्स सिग्मा’ गुणवत्ता हासिल करें। सिक्स सिग्मा से कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम न केवल विनिर्माण मात्रा पर, बल्कि उत्पादित वस्तुओं गुणवत्ता को लेकर भी आपकी प्रगति का मूल्यांकन करेंगे।’’
‘सिक्स सिग्मा’ से आशय गुणवत्ता का एक ऐसा स्तर हासिल करना है जो उपयुक्त हो। इसे त्रुटियों को कम कर, विभिन्नता को दूर कर और गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाकर हासिल किया जा सकता है।