नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ ही मार्च के महीने में बिजली की खपत सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 148.48 अरब यूनिट हो गई।
पिछले साल मार्च में बिजली की खपत 138.95 अरब यूनिट रही थी।
पिछले महीने एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति भी बढ़कर 235.22 गीगावाट हो गई, जो मार्च, 2024 में 221.68 गीगावाट थी।
पिछले साल मई में अधिकतम बिजली मांग अब तक के उच्चतम स्तर 250 गीगावाट पर रही थी। इसके पहले अधिकतम मांग सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावाट दर्ज की गई थी।
बिजली मंत्रालय ने पिछले साल की गर्मियों में अधिकतम बिजली मांग के 260 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया था।
सरकार ने इस वर्ष की गर्मियों के दौरान बिजली की अधिकतम मांग बढ़कर 277 गीगावाट हो जाने का अनुमान जताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल से बिजली की मांग और खपत में वृद्धि का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस साल सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने का अनुमान जताया गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि भारत में अप्रैल से जून के दौरान सामान्य से अधिक तापमान रहने और मध्य, पूर्वी भारत एवं उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में लू के दिनों की संख्या बढ़ने का अनुमान है।
अप्रैल में भारत के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि सुदूर दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों के कुछ इलाकों में सामान्य तापमान रह सकता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, जहां तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा कम रह सकता है।
पिछले साल की तुलना में इस साल गर्म हवाओं के थपेड़े बहुत पहले शुरू हो गए हैं। वर्ष 2024 में पांच अप्रैल को ओडिशा में लू चली थी लेकिन इस साल गर्म हवाएं कोंकण और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में 27-28 फरवरी को ही चली थीं।
ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को गर्मी के इस मौसम में बिजली की मांग में नौ से 10 प्रतिशत वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।