पश्चिम बंगाल: नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का एसएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन जारी

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कोलकाता, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिणामस्वरूप अपनी नौकरी खो चुके 2,000 से अधिक शिक्षकों ने सॉल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के कार्यालय के बाहर रात भर अपना प्रदर्शन जारी रखा।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि आयोग को योग्यता के आधार पर भर्ती किए गए उम्मीदवारों और रिश्वत देकर नियुक्ति पाने वाले उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करनी होगी।

ये शिक्षक उन 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों में से थे, जिनकी नियुक्तियां 2016 में आयोजित भर्ती प्रक्रिया में ‘‘व्यापक अनियमितताओं’’ के कारण तीन अप्रैल को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द कर दी गई थीं।

प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, ‘‘डब्ल्यूबीएसएससी को सबक सिखाया जाना चाहिए। हम कल शाम से खुले आसमान के नीचे यहां हैं और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हम यहीं रहेंगे।’’

नौकरी गंवाने वाले कुछ शिक्षकों के साथ बैठक के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा था कि ‘‘योग्य और अयोग्य’’ उम्मीदवारों की सूची दो सप्ताह में प्रकाशित की जाएगी।

शिक्षकों को उम्मीद थी कि डब्ल्यूबीएसएससी सोमवार शाम को सूची प्रकाशित करेगा, लेकिन जब उनके प्रतिनिधियों के साथ एक और दौर की बैठक के बाद भी ऐसा नहीं हुआ, तो शिक्षकों ने कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया।

डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार रात में अपने कार्यालय में ही रहे। उन्होंने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय के तीन अप्रैल के निर्देश का पालन किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘2016 के शिक्षक भर्ती मामले के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि एसएससी माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विभाग ने बताया है कि सेवा देने वाले शिक्षकों का वेतन मौजूदा व्यवस्था के अनुसार ही दिया जाएगा।’’ हालांकि उन्होंने सूची का कोई उल्लेख नहीं किया।

इस बीच बसु ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे राज्य सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर किए जाने तक प्रतीक्षा करें।

उन्होंने सोमवार को देर रात कहा कि कानूनी विशेषज्ञों ने ऐसी सूची प्रकाशित नहीं करने की सलाह दी है, क्योंकि यह कानूनी जांच में विफल हो जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘कृपया सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर किए जाने तक प्रतीक्षा करें। हमें दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।’’

उन्होंने शिक्षकों से घर लौटने का आग्रह किया और दावा किया कि कुछ लोग उनके दुख का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि योग्य शिक्षकों को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार 31 दिसंबर को इस शैक्षणिक सत्र के अंत तक वेतन मिलता रहेगा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने आरोप लगाया कि बसु शिक्षकों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवार जो मांग कर रहे हैं वह है भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता। दागी और बेदाग उम्मीदवारों में अंतर करने से अदालत की अवमानना ​​का कोई आरोप नहीं लगेगा। मैं शिक्षकों से अपील करता हूं कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे शांतिपूर्ण आंदोलन का रास्ता न छोड़ें।’’

पिछले साल आरजी कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों को समर्थन दिया है।

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