नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) एमएसएमई कंपनियों ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ बेहतर अनुपालन के लिए अन्य उपायों के अलावा एकल खिड़की परामर्श प्रणाली और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की मांग की है। एक बयान में यह जानकारी दी गई।
भारत एसएमई फोरम ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इस सप्ताह एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान सूक्ष्म लघु एवं मझोली कंपनी (एमएसएमई) उद्योग के प्रतिनिधियों ने मांग की कि नियामक ढांचे को स्पष्टता, निष्पक्षता और तैयारी के माध्यम से एमएसएमई वृद्धि का समर्थन करना चाहिए, जो प्रतिस्पर्धा, गुणवत्ता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
एमएसएमई कंपनियों ने बीआईएस प्रमाणन जरूरतों में स्पष्टता की कमी और संक्रमणकालीन समयसीमा के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि मौजूदा क्यूसीओ नियमों के अधिसूचित होने से पहले निर्मित या आयातित वस्तुओं को ध्यान में नहीं रखते हैं, जिससे मौजूदा भंडार को बेचना संभव नहीं हो सकता है।
इंडिया एसएमई फोरम के अनुसार, “एमएसएमई ने कहा कि बीआईएस पोर्टल पर ऐसे उपकरणों की कमी है, जिनसे आसानी से लागू मानकों की पहचान की जा सके या प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा सके, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए महंगी मदद के बिना नियमों को पूरा करना कठिन हो जाता है।”
इंडिया एसएमई फोरम ने अमेजन के साथ साझेदारी में क्यूसीओ और बीआईएस प्रमाणन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए विक्रेता शिक्षा अभियान शुरू किया है।
अमेजन इंडिया में बिक्री साझेदार सेवा के निदेशक अमित नंदा ने कहा कि हम ग्राहकों का विश्वास जीतने और अनुपालन करके वृद्धि हासिल करने के लिए विक्रेताओं के साथ मिलकर काम करते हैं।
नंदा ने कहा कि यह पहल एमएसएमई को विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने में मदद करती है।
इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि एमएसएमई को डिजिटल वाणिज्य परिदृश्य में सफल होने में मदद करने के लिए विक्रेताओं और नियामकों के बीच सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है।