नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने बुधवार को कहा कि सरकार ने आईडीबीआई बैंक के मूल्यांकन के लिए परिसंपत्ति मूल्यांकक की नियुक्ति की है और संभावित खरीदार के साथ शेयर खरीद समझौते पर भी विचार-विमर्श कर रही है।
आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया ढाई साल से अधिक समय से चल रही है।
अक्टूबर, 2022 में, सरकार ने एलआईसी के साथ मिलकर कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए निवेशकों से ईओआई (रुचि पत्र) मांगे थे। इसमें भारत सरकार की 30.48 प्रतिशत और एलआईसी की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।
चावला ने संवाददाताओं से कहा कि दीपम सरकार के निर्णय के अनुसार आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री के साथ ‘आगे बढ़ रहा है।’
उन्होंने कहा, “हमने एक वर्चुअल डेटा रूम स्थापित किया है। प्रश्नों के उत्तर देने की सुविधा अच्छी तरह से चल रही है और हमने एक परिसंपत्ति मूल्यांकक नियुक्त किया है। हम शेयरधारक समझौते पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं।”
एक अधिकारी ने कहा, “आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री अगले छह-सात माह में पूरी हो जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि वित्तीय बोलियां जल्द ही आमंत्रित की जाएंगी।
एक बार जब परिसंपत्ति मूल्यांकक और लेनदेन सलाहकार आईडीबीआई बैंक के मूल्यांकन पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देंगे, तो बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य या न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाएगा।
इसके बाद, इच्छुक खरीदारों की वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी और विजेता की घोषणा की जाएगी।
अक्टूबर, 2022 में ईओआई आमंत्रित करने के बाद जनवरी, 2023 में दीपम को आईडीबीआई बैंक के लिए कई रुचि पत्र (ईओआई) प्राप्त हुए थे।
आईडीबीआई बैंक के संभावित खरीदार को पहले ही गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा सुरक्षा मंजूरी दे दी गई है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उचित और उचित मूल्यांकन को मंजूरी दे दी गई है।