नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) वैश्विक ऊर्जा कंपनी बीपी पीएलसी महानदी घाटी में एनईसी-25 ब्लॉक से लगभग एक करोड़ घन मीटर प्रतिदिन अतिरिक्त उत्पादन का लक्ष्य बना रही है।
बीपी ने नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए अपस्ट्रीम सुधारों से प्रेरित होकर यह फैसला किया। अपस्ट्रीम सुधार तेल और गैस उत्पादन के प्रारंभिक चरण से संबंधित हैं, जिसमें अन्वेषण और खुदाई शामिल हैं।
भारत में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में बीपी की एक-तिहाई हिस्सेदारी है।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मरे औचिनक्लॉस ने कहा कि एक नए कानून के जरिये भारत की अपस्ट्रीम तेल और गैस नीति में बड़े बदलाव ने विदेशी निवेशकों के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।
उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
बीपी और उसकी साझेदार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) बंगाल की खाड़ी स्थित कृष्णा गोदावरी घाटी में गहरे समुद्र वाले ब्लॉक केजी-डीडब्ल्यूएन-98/3 (केजी-डी6) से प्रतिदिन लगभग 2.8 करोड़ मानक घनमीटर या भारत के कुल गैस उत्पादन का लगभग एक तिहाई उत्पादन करती है।
दोनों कंपनियां अब ओडिशा तट से दूर स्थित ब्लॉक एनईसी-ओएसएन-97/2 (एनईसी-25) में खोज शुरू करने की सोच रही हैं।
औचिनक्लॉस ने कहा, ‘‘ब्लॉक एनईसी-25 भारत के पूर्वी तट पर एक नए केंद्र की हाइड्रोकार्बन क्षमता को उजागर करने का मौका देता है, जिसमें 99 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस उत्पादन क्षमता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘ओएनजीसी सहित क्षेत्र के अन्य परिचालकों के साथ हम और आरआईएल विकास को आगे बढ़ाने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
बीपी-रिलायंस ने 2012-13 में एनईसी-25 में खोजे गए 1,032 अरब घन फुट भंडार को विकसित करने के लिए 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर की योजना बनाई थी। हालांकि, इन खोजों के तकनीकी पहलुओं पर नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के साथ विवाद के कारण योजना में देरी हुई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल के वर्षों में कई सुधार किए, जिसके बाद इन कंपनियों ने अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाया है।