तिरुवनंतपुरम, 11 अप्रैल (भाषा) राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर राज्यपालों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने शुक्रवार को कहा कि देश में संघवाद को नष्ट करने के केंद्र सरकार के प्रयासों के लिए यह एक झटका है।
यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार की याचिका पर फैसला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए एक चेतावनी है, जो अपने राजनीतिक हस्तक्षेप से विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला सभी राज्यों में निर्वाचित सरकारों के पास निहित शक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
गोविंदन ने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित और दोबारा पारित किए गए 10 विधेयकों को ‘अनुमोदित’ मानने के उच्चतम न्यायालय के फैसले ने न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि नए फैसले के साथ राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष केरल सरकार की अपील को भी शीर्ष अदालत से अनुकूल प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।
गोविंदन ने कहा कि यह फैसला केंद्र के ‘भगवाकरण’ के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने के मकसद से राज्यपालों का इस्तेमाल करने के प्रयासों को एक गंभीर झटका है।