बीजिंग, सात अप्रैल (भाषा) चीन ने अंटार्कटिक में एक नयी दूरबीन लगाई है जहां उसके पांच अनुसंधान केंद्र स्थापित हैं। इससे बर्फीले और संसाधन संपन्न इस दक्षिणी महाद्वीप में चीन उपस्थिति मजबूत हुई है।
सरकार संचालित शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने सोमवार को अपनी खबर में कहा कि अंटार्कटिक स्थित एक वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में 3.2 मीटर एपर्चर रेडियो/मिलीमीटर-वेव दूरबीन ‘थ्री गॉर्जेस अंटार्कटिक आई’ का अनावरण किया गया है।
खबर में कहा गया कि ‘चाइना थ्री गॉर्जेस यूनिवर्सिटी’ (सीटीजीयू) और ‘शंघाई नॉर्मल यूनिवर्सिटी’ (एसएचएनयू) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस दूरबीन ने अंटार्कटिक खगोल विज्ञान में चीन की प्रगति को और मजबूत किया है।
आधिकारिक खबरों के अनुसार, पिछले साल चीन ने अंटार्कटिक में अपने पांचवें अनुसंधान स्टेशन का संचालन शुरू किया, जिसका क्षेत्रफल 5,244 वर्ग मीटर है और इसमें गर्मियों के दौरान अभियान दल के 80 सदस्यों तथा सर्दियों के दौरान 30 सदस्यों को सहायता देने की सुविधाएं हैं।
वर्तमान में, अंटार्कटिक में 70 स्थायी अनुसंधान केंद्र हैं, जो पृथ्वी के प्रत्येक महाद्वीप के 29 देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अंटार्कटिक में भारत के दो सक्रिय अनुसंधान केंद्र ‘मैत्री’ और ‘भारती’ हैं। अमेरिका के इस क्षेत्र में छह और ऑस्ट्रेलिया के तीन स्टेशन हैं।