मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अगले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए : राजनाथ

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लखनऊ, 19 अप्रैल (भाषा) रक्षा मंत्री और लखनऊ से लोकसभा सांसद राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अगले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए।

लखनऊ के केडी सिंह ‘बाबू’ स्टेडियम में शनिवार को ‘सांसद खेल महाकुंभ’ में सिंह ने कहा, “खेलों को हम लोग बहुत गंभीरता से लेते हैं। हमारी सरकार प्रयास कर रही है कि 2036 में ओलंपिक खेलों का आयोजन गुजरात में हो। अन्य विश्व स्तरीय खेलों के आयोजन के सिलसिले में भी प्रयास किए जा रहे हैं।”

सिंह ने कहा, “जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को अगले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए।”

भारतीय ओलंपिक संघ के अनुसार, लखनऊ ने 1948 में स्वतंत्र भारत में पहले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की थी।

सिंह ने कहा, “लखनऊ अपनी खेल संस्कृति के लिए कितना प्रसिद्ध है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद जब पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया था, तो यह आयोजन हमारे इसी शहर में किया गया था।”

सिंह ने यह भी कहा कि आज पूरा देश राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हुए खिलाड़ियों की तरह सोच रहा है।

सिंह ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में देश के प्रत्येक राज्य और प्रत्येक जिले के हरेक नागरिक की भूमिका है।”

सिंह कहा, “विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित लखनऊ की कल्पना सीधे विकसित भारत से जुड़ी हुई है। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को एक लक्ष्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।”

खेलो इंडिया पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “जमीनी स्तर पर लगभग 1,000 खेलो इंडिया केंद्रों पर हजीरों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। आज के बदलते भारत में छोटे शहरों की प्रतिभाओं को खुलकर आगे आने का मौका मिल रहा है। आज खेलो इंडिया के तहत 3,000 से ज्यादा खिलाड़ियों को 50,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है, जिससे उन्हें प्रशिक्षण, आहार, कोचिंग, किट, जरूरी उपकरण और दूसरी जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है।”

सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में एक नयी खेल संस्कृति विकसित हुई है।”

उन्होंने कहा, “पहले भारतीय खिलाड़ी जीतने से ज्यादा भाग लेने से संतुष्ट होते थे। लेकिन आज दुनिया में जहां भी भारतीय खिलाड़ी जाते हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जाता है। इस बदलाव के पीछे एक बड़ी वजह केंद्र और हमारी उत्तर प्रदेश सरकार की खेल हितैषी नीतियां हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि जब खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं, तो उनका एक ही लक्ष्य होता है – खुद को और टीम को विजयी बनाना।

रक्षा मंत्री ने कहा, “खिलाड़ी हमेशा टीम को व्यक्तिगत से ऊपर रखना जानता है। यह भावना बाद में राष्ट्र प्रथम के रूप में सामने आती है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित होकर भारत के कई सांसदों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करके समाज के विकास के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया है।

सिंह ने कहा कि आज लखनऊ का नाम भी उस सूची में जुड़ गया है।

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