नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसे लोगों को निशाना बनाने के बजाय राजनीतिक रूप से उनसे लड़ना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के निलंबन को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र से सवाल पूछे जाने के एक दिन बाद आई है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को यह बताने का निर्देश दिया था कि मनरेगा योजना को चार जिलों को छोड़कर पश्चिम बंगाल में आगे क्यों नहीं क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
गोखले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पश्चिम बंगाल का 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि रोक रखी है।
उन्होंने कहा, ‘‘2021 में बंगाल में भाजपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद, मोदी सरकार ने मनरेगा के तहत हमारे राज्य का 7500 करोड़ रुपये से अधिक बकाया रोक दिया है। शर्मनाक बात यह है कि बंगाल से भाजपा के 12 सांसदों और दो केंद्रीय मंत्रियों में से किसी ने भी केंद्र सरकार से यह बकाया राशि जारी करने के लिए नहीं कहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि यह धन उन गरीबों का है जिन्होंने काम किया है लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया है क्योंकि धनराशि रोक ली गई थी।
गोखले ने दावा किया, ‘‘भाजपा ने बंगाल के लोगों को वंचित रखा है, क्योंकि वे हमारी नेता ममता बनर्जी को नहीं हरा सकते। गौर करने वाली बात यह है कि बंगाल में मनरेगा में एक भी अनियमितता (केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार) नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने माना है कि मोदी सरकार द्वारा मनरेगा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना गैरकानूनी है। भाजपा यह क्यों नहीं समझती कि बंगाल के लोगों को वंचित करने से वे केवल चुनाव हारेंगे? भाजपा बंगाल के लोगों को निशाना बनाने के बजाय हमसे सही ढंग से राजनीतिक लड़ाई क्यों नहीं लड़ सकती?’’