भाजपा ने देश भर में मनाई आंबेडकर जयंती, प्रधानमंत्री ने अभियान का नेतृत्व किया
Focus News 14 April 2025 0
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने देश भर में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की जयंती मनायी और उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा इस महान दलित विचारक के जन्मदिन की आड़ में राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने से भी नहीं चूके।
वक्फ संशोधन अधिनियम के कारण मची राजनीतिक घमासान के बीच मोदी ने इस कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर निशाना साधा और उन पर आंबेडकर द्वारा प्रतिपादित संवैधानिक मूल्यों से परे जाकर 2013 में वक्फ कानून में संशोधन कर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने जहां आंबेडकर के आदर्शों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कई विकास परियोजनाओं का उद्घघाटन करने के लिए हरियाणा का दौरा किया, वहीं देश भर में उनकी पार्टी के सहयोगियों ने संविधान निर्माता को याद करने के लिए एक नए अभियान की अगुवाई की, जिसमें दलितों पर विशेष ध्यान दिया गया। दलित समुदाय देश भर में एक महत्वपूर्ण मतदाता समूह हैं और वे आंबेडकर का बहुत सम्मान करते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा राष्ट्रीय राजधानी के अलीपुर स्थित आंबेडकर के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि देने गए, जहां उन्होंने 1956 में अंतिम सांस ली थी, जबकि पार्टी नेताओं ने इस मौके पर देश भर में अपने कार्यालयों में और अन्य स्थानों पर उनकी याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए।
भाजपा मुख्यालय में कई नेताओं ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर इसके मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया।
डॉ आंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में, भाजपा ने उन्हें याद करने के उद्देश्य से पार्टी के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में देश भर के नेताओं की एक कार्यशाला आयोजित की थी
पार्टी नेताओं और इसकी विभिन्न राज्य इकाइयों ने ‘आंबेडकर सम्मान अभियान’ शुरू किया, ताकि यह उजागर किया जा सके कि किस प्रकार केंद्र और राज्यों की सरकारों ने आंबेडकर के दृष्टिकोण के अनुरूप समाज के वंचित वर्गों को अपने कल्याणकारी कार्यक्रमों में शामिल किया है।
प्रधानमंत्री ने हरियाणा में अपनी जनसभाओं में कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच ताजा विवाद का विषय बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने वक्फ कानून में जल्दबाजी में संशोधन किया ताकि चुनावों में वोट हासिल किए जा सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने संविधान से परे जाकर कानून बनाया, जो बाबासाहेब का सबसे बड़ा अपमान था।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों से अल्पसंख्यक समुदाय में महिलाओं, खासकर विधवाओं के अलावा गरीब और पसमांदा (पिछड़े मुस्लिम) परिवारों के अधिकार सुनिश्चित होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह संविधान की भावना के अनुरूप बाबा साहेब द्वारा हमें दिया गया काम है। यह वास्तविक सामाजिक न्याय है।’’
उन्होंने दावा किया कि पहले के कानून का इस्तेमाल भू-माफियाओं द्वारा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की संपत्ति हड़पने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर लाखों हेक्टेयर वक्फ भूमि का ईमानदारी से उपयोग किया जाता तो मुस्लिम युवाओं को पंक्चर ठीक करके जीवनयापन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे गरीब और पिछड़े मुसलमानों को कोई लाभ नहीं मिला।
उन्होंने कांग्रेस पर सत्ता में रहते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को ‘‘द्वितीय श्रेणी के नागरिक’’ में बदलने का आरोप लगाया।
हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए पहली वाणिज्यिक उड़ान को हरी झंडी दिखाने और हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नष्ट करने वाली बन गई है।
मोदी ने आरोप लगाया कि जब भी उनकी सरकार को खतरा हुआ, कांग्रेस ने संविधान को ‘‘कुचल दिया’’, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में 1975-77 के आपातकाल का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की भावना है कि देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, जिसे मैं धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहता हूं। लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।’’
मोदी ने कहा कि नए उद्योगों को विकसित करने के लिए उनकी सरकार का काम आंबेडकर के दृष्टिकोण के अनुरूप है क्योंकि उनका मानना था कि औद्योगीकरण से वंचित वर्गों को लाभ होगा जिनके पास ज्यादा जमीन नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंबेडकर को सच्चा भारत रत्न और लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘समतावादी और न्यायप्रिय समाज की स्थापना के लिए उनका संघर्ष हम सभी को अनंत काल तक प्रेरित करता रहेगा।’’
एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने और विकास तथा कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम किया है, जबकि उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद में लिप्त होने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में आंबेडकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा, समानता और न्याय पर आधारित सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी और जीवन भर समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध रहे।
लोकसभा चुनावों में 2024 में मिली करारी हार के बाद, जब कुछ राज्यों में दलितों सहित समाज के गरीब वर्गों के वोटों के नुकसान के कारण भाजपा अपने बूते बहुमत लायक सीट नहीं पा सकी तो पार्टी ने इन वर्गों तक तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिये।
भाजपा ने इस साल जनवरी में ‘संविधान गौरव अभियान’ भी आयोजित किया गया था, जबकि विपक्ष सत्तारूढ़ दल को संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करने वाली पार्टी के रूप में पेश करने का अभियान चलाया था।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले, दिन में मुख्यमंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र शालीमार बाग में आंबेडकर की स्मृति में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में भाग लिया।
बाद में उन्होंने दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और अन्य मंत्रियों के साथ विधानसभा परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
गुप्ता ने आंबेडकर को समानता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के अग्रदूत के रूप में याद किया।
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए आंबेडकर के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और दावा किया कि विपक्ष उनके योगदान का सम्मान करने या उनके जीवन से जुड़े स्थानों का विकास करने में विफल रहा है।
कुमार ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए ने कहा, “विपक्ष ने जीवन भर केवल बाबासाहब के नाम का इस्तेमाल किया है। उन्होंने न तो उनका दर्द साझा किया और न ही उनकी विरासत से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए काम किया।”
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा, “आज वे संविधान की प्रतियां लेकर घूमते हैं, लेकिन जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने कई बार इसका उल्लंघन किया। उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए संविधान संशोधन के माध्यम से आपातकाल भी लगाया।”
उन्होंने तर्क दिया कि आंबेडकर ने संविधान को इतना कठोर नहीं बनाया कि उसमें संशोधन न किया जा सके।… न ही इतना कमजोर कि उसे पूरी तरह बदला जा सके। उन्होंने न्याय और एकता के लिए एक जीवंत दस्तावेज बनाया।”
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, लेकिन विपक्ष जब सत्ता में था तो आयोग को यह दर्जा नहीं दे सका।
उन्होंने कहा, ‘‘पंचायत से संसद तक 56 साल तक शासन करने वालों ने कभी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया। मोदी जी ने ऐसा किया।’’