अनीमिया का अर्थ है शरीर में आयरन की कमी। अगर शरीर में आयरन की कमी है तो शरीर ढीला ढाला, मूड खराब, काम में दिल न लगना, थकान महसूस होती रहती है। इससे बचने का सही इलाज है बैलैस्ंड डाइट। अगर हालत अधिक खराब हों तो हमंे दवाओं का सहारा ले लेना चाहिए। जितना पौष्टिक हमारा आहार होगा, उतने ही हम स्वस्थ होंगे। स्वास्थ्य अच्छा होगा तो बीमारियां भी हमसे दूर रहेंगी। स्वयं को बीमारियों से बचाने के लिए हमें सावधानी तो बरतनी ही होगी, जागरूक भी रहना होगा। बहुत से लोग तो अनीमिया रोग के बारे में जानते भी नहीं हैं। अगर उन्हें अनीमिया का पता ही नहीं होगा तो वे समस्याओं से जूझते रहेंगे और अंत तो बुरा होगा ही। अनीमिया क्या होता है? अनीमिया में शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं। रेड ब्लड सेल्स ऑक्सीजन में मालिक्यूल्स की संख्या बढ़ाते हैं। इनकी कमी से हीमोग्लोबिन भी प्रभावित होता है। इसका कारण है सही मात्रा में आयरन का न मिलना। विशेषज्ञों के अनुसार प्रारम्भ में अनीमिया का अक्सर पता नहीं चलता और बाद में स्थिति गंभीर हो जाती है। अक्सर ऐसे में नियमित दिनचर्या के कामों में दिक्कत होती है। थोड़ा काम करने पर थकान होना, व्यायाम करने के बाद सांस फूलना, सीढि़यां चढ़ने पर भी सांस फूलता है। कई बार हम इन लक्षणों को नजर अंदाज करते रहते हैं, परिणामतः पेट दर्द, आंत में छाले होना एक आम समस्या सामने आने लगती है पर हमें यह नहीं पता चलता कि हम अपने आहार में आयरन की मात्रा कम ले रहे हैं जिससे रेड ब्लड सेल्स की मात्रा और कम होती जाती है। प्रसव काल के बाद जो माताएं शिशु को स्तनपान करवाती हैं उन्हें विशेष तौर पर आहार में आयरन की मात्रा काफी लेनी चाहिए। जिन महिलाओं और किशोरियों को पीरियड्स होते हैं उन्हें भी आहार में आयरन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आयरनयुक्त आहार:- अब प्रश्न उठता है कि हमें अपने भोजन में किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर में आयरन की मात्रा कम न हो। – हमें नियमित रूप से हरी सब्ज़ियों, फल और नान वेजिटेरियन फूड को अपने आहार का अंग बनाना चाहिए। – फलों में हमें संतरा, सेब, आम, अनानास और केले का मौसमानुसार सेवन करना चाहिए। – अपने आहार में नियमित रूप से एक मुट्ठी सूखे मेवे लेने चाहिए। – समय समय पर खून की जांच करवाते रहना चाहिए। पौष्टिक आहार नियमित लेने के बावजूद भी शरीर में खून की कमी है तो हमें डॉक्टरों से मिल कर सही इलाज करवाना चाहिए। वे आयरन को विटामिंस और फोलिक एसिड गोलियों के रूप में आवश्यकतानुसार लिख कर देंगें। अगर स्थिति ज्यादा गंभीर है तो ब्लड ट्रांस्फ्यूज किया जा सकता है।