नयी दिल्ली,आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें दो मई को निर्धारित 65,000 करोड़ रुपये की लागत वाली अमरावती राजधानी परियोजना के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया।
सूत्रों ने बताया कि संक्षिप्त बैठक के दौरान नायडू ने कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर भी चर्चा की। मंगलवार को हुए हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे तथा कई अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि हमले में मारे गए लोगों में आंध्र प्रदेश के दो लोग – सॉफ्टवेयर इंजीनियर एस मधुसूदन राव और सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी जे एस चंद्रमौली भी शामिल हैं।
नायडू ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के साथ एकजुटता प्रकट की।
मुख्यमंत्री ने पोस्ट में कहा, ‘‘ पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले ने पूरे देश को व्यथित कर दिया है। इस तरह की कायरतापूर्ण हिंसा की जितनी भी निंदा की जाए, कम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश की सरकार और जनता पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है। हम भारत की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के निर्णायक नेतृत्व को अपना पूरा समर्थन देने का संकल्प लेते हैं।’’
नायडू ने 2024 में राज्य की सत्ता में लौटने के बाद कृष्णा नदी के तट पर आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती शहर परियोजना को फिर से अमली जामा पहनाने का कार्य शुरू किया।
यह परियोजना 2019 से 2024 तक पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान ठंडे बस्ते में रही।
मुख्यमंत्री का लक्ष्य एम्स्टर्डम, सिंगापुर और तोक्यो जैसे वैश्विक शहरों से प्रेरित होकर विश्व स्तरीय, समावेशी और आधुनिक शहरी केंद्र का निर्माण करना है।
आंध्र प्रदेश के 2014 में विभाजन के बाद अमरावती को नई राजधानी घोषित किया गया।
ब्रिटेन स्थित कंपनी फोस्टर एंड पार्टनर्स ने अमरावती का मास्टर प्लान तैयार किया है। इसमें विजयवाड़ा और गुंटूर शहरों के बीच 217.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नये शहर की परिकल्पना की गई है।
उम्मीद है कि इस शहर में 15 लाख नौकरियां सृजित होंगी, 35 लाख लोग निवास करेंगे और 2050 तक इसका सकल घरेलू उत्पाद 35 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि 2024 में अमरावती के विकास कार्यों के लिए अनुमानित बजट लगभग 64,910 करोड़ रुपये है, जिसका पहला चरण अगले तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा।
भारत सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है और विश्व बैंक तथा एशियाई विकास बैंक से कुल 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है।