अमित शाह के दौरे का कठुआ में आतंकवाद रोधी अभियान से कोई संबंध नहीं : मुख्यमंत्री अब्दुल्ला
Focus News 1 April 2025 0
श्रीनगर, एक अप्रैल (भाषा) मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का कठुआ में आतंकवाद रोधी अभियान से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यक्रम को अभियान चलाए जाने से पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया था।
शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू करने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कठुआ (अभियान) से केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को न जोड़ें। कठुआ मुठभेड़ से पहले ही उनका कार्यक्रम तय हो गया था। यह संयोग है कि उनका दौरा कठुआ में अभियान के समय हो रहा है।’’
सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि शाह केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद निरोधक अभियानों की समीक्षा के लिए सात-आठ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं।
अब्दुल्ला ने कहा कि गृह मंत्री का दौरा केवल सुरक्षा एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा (स्थिति) की समीक्षा की जाएगी, लेकिन उन्होंने (शाह) जम्मू में एक सार्वजनिक बैठक की भी योजना बनाई है… फिर, श्रीनगर में वह (शाह) विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।’’
सुरक्षा बलों के साथ सोमवार देर रात एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद भाग निकले तीन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए जम्मू के कठुआ जिले में खोजबीन अभियान जारी है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का संयुक्त अभियान मंगलवार को 10वें दिन भी जारी रहा।
इससे पहले 27 मार्च को जिले के सानियाल इलाके में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे, जिसमें चार पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए थे।
माना जा रहा है कि आतंकवादी उस समूह से जुड़े हैं जिसका 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास नर्सरी इलाके में सुरक्षा बलों के साथ पहली बार आमना-सामना हुआ था और सभी आतंकवादी भागने में सफल रहे थे।
हालांकि, चार दिन बाद सुरक्षा बलों ने सानियाल बेल्ट के एक जंगली क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद दो आतंकवादियों को मार गिराया, लेकिन बाकी भागने में सफल रहे।
इस गोलीबारी के दौरान चार पुलिसकर्मी भी मारे गए और तीन घायल हो गए। जंगल में आतंकवादियों के अपने ठिकाने बदलने के बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ने के लिए कई एजेंसी की मदद से अभियान शुरू किया है।
इस बीच अब्दुल्ला से पूछा गया कि क्या शाह का दौरा केंद्र शासित प्रदेश की सरकार और केंद्र के बीच बेहतर संबंधों का संकेत है।
इसके जवाब में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ वह (शाह) पहले भी यहां आ चुके हैं और आते रहेंगे। जब मैं (तत्कालीन) राज्य का मुख्यमंत्री था, तब भी गृह मंत्री यहां आते थे। पी चिदंबरम और (सुशील कुमार) शिंदे भी आए थे, इसलिए यह कोई बड़ी बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये दौरे जारी रहने चाहिए, उनसे (शाह) हमारी बातचीत जारी है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर की मदद करने की कोशिश की है। पिछले साल हमने कुछ अतिरिक्त पैसे मांगे थे और हमें वह पैसे मिले थे। इस बार भी हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जो भी मदद चाहिए, केंद्र वह मुहैया कराएगा।’’
वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के सांसद इसका कड़ा विरोध करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि हमारे जैसे लोगों के लिए इस विधेयक को स्वीकार करना मुश्किल होगा। इस विधेयक से ऐसा लगता है कि केवल एक धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। मैंने यह भी कहा है कि हर धर्म की अपनी संस्थाएं होती हैं और हर धर्म की एक धर्मार्थ शाखा होती है और हमारे लिए वह वक्फ है।’’