भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के ‘जवाबी शुल्क’ की आलोचना की
Focus News 3 April 2025 0
न्यूयॉर्क, तीन अप्रैल (भाषा) भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों और प्रवासी समुदाय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ‘जवाबी शुल्क’ को ‘बिना सोचा समझा और आत्म-विनाशकारी’ करार देते हुए इसकी आलोचना की है।
अमेरिकी सांसदों और प्रवासी समुदाय के इन लोगों ने दोनों देशों के नेताओं से इन चुनौतियों से निपटने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर व्यापक रूप से 26 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा की है।
ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ भारत हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेता है, इसलिए हम उनसे इसका आधा – 26 प्रतिशत शुल्क लेंगे।’’
राष्ट्रपति ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्कों का मुकाबला करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लगभग 60 देशों पर ‘जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा की है।
सांसदों ने यह भी कहा कि ट्रंप के ‘जवाबी शुल्क’ से भारतीय सामान की बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि ट्रंप का ‘जवाबी शुल्क’ कामकाजी परिवारों पर एक प्रकार का कर है, ताकि वह सबसे धनी अमेरिकियों के लिए करों में कटौती कर सकें।
इलिनोइस से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘ये नवीनतम तथाकथित ‘मुक्ति दिवस’ शुल्क बिना सोचा समझा और आत्मघाती हैं, जो इलिनोइस को ऐसे समय में वित्तीय पीड़ा पहुंचा रहे हैं, जब लोग पहले से ही अपने छोटे व्यवसायों को बचाए रखने और भोजन की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ’’
कृष्णमूर्ति ने कहा कि ‘जवाबी शुल्क’ वैश्विक मंच पर अमेरिका को अलग-थलग कर देते हैं, अमेरिका के सहयोगियों को अलग-थलग कर देते हैं और उसके विरोधियों को सशक्त बनाते हैं।
कृष्णमूर्ति ने अमेरिकी नागरिकों से आग्रह किया कि वे ट्रंप से कहें कि वे देश को मंदी की ओर ले जाने से पहले अपनी ‘विनाशकारी’ शुल्क नीतियों को समाप्त करें। उन्होंने कहा कि ‘जवाबी शुल्क’ की अमेरिकी अर्थव्यवस्था या राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कोई भूमिका नहीं है।
अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि ‘जवाबी शुल्क’ की घोषणा ‘अप्रैल फूल‘ का मजाक नहीं है।
रो खन्ना ने कहा, ‘‘ ट्रंप वस्तुतः हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने मुक्ति दिवस पर रातों-रात शुल्क लगा दिए, इसके लिए कोई रणनीति नहीं बनाई, कोई परामर्श नहीं किया, अमेरिकी कांग्रेस से कोई सलाह नहीं ली। इसका क्या मतलब है? कीमतें बढ़ने वाली हैं। कारों की कीमतें बढ़ने वाली हैं। किराने के सामान की कीमतें बढ़ने वाली हैं। घर की मरम्मत और घर बनाने की कीमतें बढ़ने वाली हैं, और पूरी तरह अनिश्चितता है। ’’
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य डॉ. अमी बेरा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ मैं यह स्पष्ट कर दूं : ये शुल्क अमेरिका को फिर से अमीर नहीं बनाएंगे। ये लागत आप पर – अमेरिकी उपभोक्ता पर – डाली जाएगी। यह कर कटौती नहीं है। यह कर वृद्धि है। ’’
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत नये शुल्क की घोषणा की यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कड़ी आलोचना की है।
लेयेन ने कहा कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है और इसके परिणाम ‘लाखों लोगों के लिए भयंकर होंगे।’
उन्होंने कहा कि किराने का सामान, परिवहन और दवाइयां महंगी हो जाएंगी, और इससे विशेष रूप से ‘आर्थिक रूप से सबसे कमजोर नागरिकों को नुकसान होगा।’