आंबेडकर के शत्रु हैं भाजपा-आरएसएस, चुनाव हराने में सावरकर की भूमिका थी: खरगे
Focus News 14 April 2025 0
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का सिर्फ नाम लेती है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग आंबेडकर के शत्रु हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाए जाने को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए भाजपा के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे।
खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और आरएसएस का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ये लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने संविधान की प्रति जलाई, उनके चेले आज सत्ता में बैठे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर जी का अपमान किया है। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब को संविधान सभा का सदस्य बनाया, मसौदा समिति का प्रमुख बनाया।’’
उन्होंने आंबेडकर के एक पत्र की प्रति दिखाते हुए कहा, ‘‘बाबासाहेब ने अपने एक मित्र को 18 जनवरी, 1952 में लिखे पत्र में खुद बताया था कि उन्हें हराने में एस.ए. डांगे (कम्युनिस्ट नेता) और विनायक सावरकर (हिंदू महासभा) का हाथ था। ये दोनों चाहते थे कि बाबासाहेब हार जाएं और यही उनकी मंशा थी।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जनता को गुमराह न करे, क्योंकि सच्चाई सभी को पता है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमने पहले संसद में बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, उसके बाद हमें संसद के सेंट्रल हॉल में बाबा साहेब को पुष्पांजलि देनी थी। इसका समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिसाब से बदला भी गया, लेकिन प्रधानमंत्री फिर भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने सेंट्रल हॉल नहीं पहुंचे।’’
दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री मोदी ने आंबेडकर की जयंती पर कांग्रेस पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि सत्ता में रहने के दौरान पार्टी ने अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों को ‘‘दूसरे दर्जे का नागरिक’’ बना दिया।
हरियाणा के हिसार में महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए पहली वाणिज्यिक उड़ान को हरी झंडी दिखाने और हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नष्ट करने वाली बन गई है।
खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में सामाजिक न्याय से संबंधित उन पांच बिंदुओं का उल्लेख किया जो बीते नौ अप्रैल को आयोजित कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन के प्रस्ताव में शामिल किए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जाति जनगणना जरूरी है। अभी केंद्र सरकार 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर अपनी योजनाएं बना रही है और 2021 में होने वाली जनगणना का अभी तक पता नहीं है। हम मांग करते हैं कि जनगणना के साथ ही जाति जनगणना भी कराई जाए, क्योंकि इतने वर्षों के बाद भी यह नहीं मालूम है कि आज समाज के अलग-अलग वर्गों की वास्तविक हालत कैसी है।’’
उन्होंने दावा किया कि 1976 में इंदिरा गांधी ने ‘एससी-एसटी सब-प्लान’ लागू किया था ताकि इन समुदायों के साथ समुचित न्याय हो, लेकिन 2015 में मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया।
खरगे ने कहा, ‘‘कर्नाटक और तेलंगाना राज्य में हमारी सरकारों ने उप-योजना (सब-प्लान) लागू करने का कानून बनाया है। हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि एससी-एसटी सब-प्लान को केंद्र सरकार फिर से लागू करे।’’
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के अलावा कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां आरक्षण सुरक्षित है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि राज्यों के आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, जिससे 50 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर राज्यों के आरक्षण को सुरक्षित किया जा सके।’’
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार को निजी शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी के वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
खरगे ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2006 में संविधान के अनुच्छेद 15 (5) में संशोधन कर निजी शिक्षण संस्थानों में वंचित वर्गों के बच्चों के लिए कोटा सुनिश्वित किया था और फिर 2014 में उच्चतम न्यायालय ने इस संशोधन को बरकरार रखा, लेकिन मोदी सरकार ने इसे लागू नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘दो साल पहले जब महिला आरक्षण पारित हुआ, तब कांग्रेस पार्टी की मांग थी कि यह अधिनियम फ़ौरन लागू हो और इसके साथ-साथ ही इसके अंदर एक तिहाई आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सुनिश्चित हो।’’
खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन पांच मांगों को लेकर संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी।