
लखनऊ, 28 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन पर हुए कथित हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार पर सोमवार को निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुमन पर हमला इसलिए हुआ, क्योंकि वह दलितों को कुचलने वालों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जा रहे थे।
राणा सांगा के खिलाफ टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे सुमन के काफिले पर रविवार को अलीगढ़ और दिल्ली के बीच गभाना टोल बूथ पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर टायर फेंके थे।
हमले में सुमन के काफिले में शामिल कई वाहन आपस में टकरा गए थे। हालांकि, इससे सपा सांसद को कई नुकसान नहीं पहुंचा था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और संबंधित चौकी प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
लखनऊ में संवाददाताओं से मुखातिब अखिलेश ने कहा, “उत्तर प्रदेश में ऐसा माहौल कायम किया गया है, जिसमें ‘थार’ और ‘बुलडोजर’ भाजपाई दबंगई और भय का प्रतीक बन गए हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के राज्यसभा सदस्य सुमन पर इसलिए हमला हुआ, क्योंकि वह दलितों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बुलंदशहर जिले के सुनहेरा गांव जा रहे थे, जहां दबंगों ने कुछ दलितों को महिंद्रा थार वाहन से रौंद दिया था, जिससे एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गए थे।
अखिलेश ने कहा, “सरकार लोगों में डर पैदा करने के लिए जानबूझकर थार और बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है। यह रामजी लाल सुमन पर हमला भर नहीं है, यह उन लोगों को सीधे तौर पर चुनौती है, जो कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध को लेकर कतई बर्दाश्त न करने की नीति है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सपा संविधान और कानून के शासन में विश्वास करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासन में समाज के कुछ वर्गों को अत्याचार करने की खुली छूट है, क्योंकि “उनसे जुड़े लोग” सत्ता के हर स्तर पर विभिन्न पदों पर काबिज हैं।
अखिलेश ने कहा कि सुमन पर हुआ हमला कहीं न कहीं इशारा करता है कि उन लोगों को सरकार का पूरा समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि आज वे विपक्षी नेताओं को डरा-धमका रहे हैं और कल वे आम लोगों को भी नहीं बख्शेंगे।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि यह इस तरह का पहला हमला नहीं है और इसे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहित राज्य के शीर्ष अधिकारियों का समर्थन हासिल था।
सपा मुख्यालय में लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान उन्हें पीडीए संकल्प दिलाए जाने के बाद अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि ये युवा संविधान और आरक्षण को बचाने का काम करेंगे।
भाजपा सरकार पर पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) समुदायों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा, “प्रयागराज में एक दलित को जिंदा जला दिया गया। वाराणसी में पटेल समुदाय के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रामपुर में एक दलित मूक-बधिर लड़की के साथ बलात्कार किया गया। आजमगढ़ में ‘जय भीम’ का नारा लगाने पर एक युवक की हत्या कर दी गई।”
उन्होंने दावा किया कि राज्य में एक नयी और खतरनाक प्रवृत्ति उभर रही है, लेकिन सपा इससे डरने वाली नहीं है।