आदित्य बिड़ला कैपिटल ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी आदित्य बिड़ला फाइनेंस का खुद के साथ विलय पूरा कर लिया है। इसका मकसद एक एकीकृत बड़ी परिचालन वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बनाना है।
आदित्य बिड़ला कैपिटल लि. (एबीसीएल) ने बयान में कहा कि यह राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), अहमदाबाद पीठ के 24 मार्च के आदेश के अनुरूप है। विलय की योजना एक अप्रैल, मंगलवार से प्रभावी हो जाएगी।
पिछले साल मार्च में, आदित्य बिड़ला फाइनेंस का मूल इकाई के साथ विलय करने का निर्णय संबंधित निदेशक मंडल ने लिया था। यह विभिन्न नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर था।
बयान में कहा गया है कि निदेशक मंडल ने विशाखा मुले को एकीकृत इकाई का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी और राकेश सिंह को कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा, निदेशक मंडल ने नागेश पी और सुनील श्रीवास्तव को कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, ‘‘देश के विकास के अनुरूप, आदित्य बिड़ला कैपिटल ने पैमाने और आकार में उल्लेखनीय रूप से विस्तार किया है और खुद को समूह के लिए एक प्रमुख विकास इंजन के रूप में स्थापित किया है… हमारे विविध वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की संयुक्त ताकत हमें विकास में तेजी लाने, वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाने और भारत के आर्थिक वृद्धि के अवसरों में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनने में सक्षम बनाएगी।’’