एसएमएल इसुजु के 555 करोड़ रुपये में अधिग्रहण से रणनीतिक लाभ होगाः महिंद्रा एंड महिंद्रा

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मुंबई, 28 अप्रैल (भाषा) घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सोमवार को कहा कि एसएमएल इसुजु के प्रस्तावित 555 करोड़ रुपये के अधिग्रहण से कंपनी को मजबूत रणनीतिक लाभ होगा और वह अपनी स्थिति को मजबूत कर पाएगी।

कंपनी ने यह भी कहा कि इसुजु के अधिग्रहण से उसे लागत, वाहन प्लेटफॉर्म तालमेल, संचालन के अन्य क्षेत्रों, खासकर नेटवर्क और आपूर्तिकर्ता तालमेल के क्षेत्र में बहुत सारे अवसर दिखाई दे रहे हैं।

महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने पिछले सप्ताह वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनी एसएमएल इसुजु में 58.96 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा की थी। एसएमएल इसुजु की ट्रक और बस खंड में अच्छी मौजूदगी है।

इस सौदे के तहत महिंद्रा, एसएमएल की प्रवर्तक कंपनी सुमितोमो कॉरपोरेशन की 43.96 प्रतिशत की समूची हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इसके अलावा कंपनी एसएमएल के सार्वजनिक शेयरधारक इसुजु मोटर्स लिमिटेड की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी अलग से 555 करोड़ रुपये में खरीदेगी।

इसके साथ ही एमएंडएम ने एक बयान में कहा कि वह बाजार विनियामक सेबी के अधिग्रहण नियमों के अनुरूप एसएमएल इसुजु में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक खुली पेशकश लेकर आएगी।

प्रस्तावित अधिग्रहण 3.5 टन से अधिक क्षमता वाले वाणिज्यिक वाहन खंड में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज करने की दिशा में एक कदम है। इस खंड में एमएंडएम की वर्तमान में तीन प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है, जबकि 3.5 टन से कम हल्के वाणिज्यिक वाहन खंड में उसकी हिस्सेदारी 52 प्रतिशत है।

एमएंडएम ने कहा कि इस अधिग्रहण से वाणिज्यिक वाहन खंड में बाजार हिस्सेदारी दोगुनी होकर छह प्रतिशत हो जाएगी। कंपनी की इसे वित्त वर्ष 2030-31 तक बढ़ाकर 10-12 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-36 तक 20 प्रतिशत से अधिक करने की योजना है।

महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनीश शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह एक ऐसा अधिग्रहण है जो आकर्षक होने के साथ ‘रणनीतिक रूप से बेहद फिट’ है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे हम वास्तव में पसंद करते हैं और हमें लगता है कि यह बहुत कुछ कर सकता है।”

कंपनी चाहती है कि अगले पांच से 10 वर्षों में कई व्यवसाय बहुत बड़े पैमाने पर हों, उन्होंने कहा कि ‘वृद्धि के नगीने’ अगले पांच से सात वर्षों में पांच गुना होने के लक्ष्य की तरफ बढ़ेंगे।

एमएंडएम ने कहा कि खुली पेशकश सहित यह लेनदेन भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी के अधीन है और सेबी अधिग्रहण विनियमन के अनुरूप 2025 के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

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