नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) निकोलस पूरन और ऋषभ पंत क्रिकेट जगत में उन बल्लेबाजों की श्रेणी में आते हैं जो इच्छानुसार स्टेडियम के बाहर शॉट लगाकर प्रशंसकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ये दोनों बल्लेबाज 22 गज की पट्टी वो जादू करते हैं जिससे दर्शकों का उत्साह बढ़ता ही रहता है। ये दोनों अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत जानलेवा दुर्घटनाओं से उबरकर उम्मीद से कहीं पहले मैदान पर वापस लौटे हैं।
पूरन से उनके और उनकी टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान पंत के बीच यह एक समान चीज है।
जनवरी 2015 में 19 साल के पूरन को सेंट मैरीज त्रिनिदाद में एक जानलेवा कार दुर्घटना का सामना करना पड़ा। वह काफी समय तक व्हीलचेयर पर रहे और उनके घुटनों और टखने की कई सर्जरी हुईं।
दिसंबर 2022 में पंत एक भयानक कार दुर्घटना में बाल-बाल बचे जब वह दिल्ली से रूड़की घर वापस जा रहे थे।
कैरेबियाई देश के नंबर एक टी20 बल्लेबाज ने पूरन ने कहा, ‘‘घटना से पहले भी हमारे (उनके और पंत के) बीच अच्छे संबंध थे। हम हमेशा जुड़े रहते हैं। हम हमेशा बातचीत करते हैं, जब भी संभव हो मिलते हैं। चाहे वह वेस्टइंडीज में हो या मैं यहां हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटनाएं हमारे क्रिकेट सफर में दुर्भाग्यपूर्ण थीं, लेकिन अच्छी बात यह है कि हम आज यहां क्रिकेट खेल रहे हैं। और यह एक अद्भुत अहसास है। लेकिन हां, हम अपने अनुभव साझा करते हैं। हम एक-दूसरे की यथासंभव मदद करने की कोशिश करते हैं। ’’
पूरन अब लखनऊ की टीम के साथ कुछ सत्र खेल चुके हैं और उन्हें लगता है कि टीम के मालिक संजीव गोयंका काफी मददगार रहे हैं।