ओडिशा में ‘उत्कल गौरव’ मधुसूदन दास की 177वीं जयंती मनाई गई

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भुवनेश्वर, 28 अप्रैल (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी समेत राज्य के विभिन्न दलों के नेताओं और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने सोमवार को ‘उत्कल गौरव’ मधुसूदन दास को उनकी 177वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

राजभवन चौक पर उत्कल गौरव की प्रतिमा के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और मधु बाबू के नाम से जाने जाने वाले मधुसूदन दास के सम्मान में पुष्प अर्पित किए। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री प्राप्त करने वाले, विधान परिषद के सदस्य बनने वाले और केंद्रीय विधान सभा के सदस्य बनने वाले पहले ओडिया थे।

ओडिशा सरकार की वेबसाइट के अनुसार, दास को औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अगुआ और उत्कल सम्मिलनी के संस्थापक एवं ओडिया आंदोलन के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। उन्हें ‘कुला ब्रुधा’ (कुल वृद्ध) और उत्कल गौरव मधुसूदन दास के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बिखरे हुए ओडिया इलाकों के एकीकरण के लिए साहसिक रुख अपनाया।

मुख्यमंत्री माझी ने मधु बाबू को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, ‘‘आज उत्कल गौरव मधुसूदन दास की जयंती है। इस अवसर पर ओडिशा सरकार उन्हें श्रद्धांजलि देती है। उन्होंने ओडिशा को अलग राज्य बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह ओडिशा के गौरव थे और उन्होंने राज्य के औद्योगिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार मधु बाबू द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हमने एक अप्रैल को उत्कल दिवस कटक जिले के सत्यभामापुर में मधु बाबू के जन्मस्थान पर मनाया।’’

विपक्ष के नेता और बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष नवीन पटनायक ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं ओडिया गौरव के प्रतीक उत्कल गौरव मधुसूदन दास को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं। अलग ओडिशा प्रांत के गठन, राज्य के औद्योगिकीकरण और भाषा संरक्षण में उनका अद्वितीय योगदान हमेशा प्रेरणा का स्रोत है।’’

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने भी राजभवन चौक जाकर उत्कल गौरव मधुसूदन दास को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उत्कल गौरव को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हैं। अलग ओडिशा राज्य के गठन के उनके प्रयास सफल हुए। ओडिशा के लोगों को जगाने वाली उनकी ओडिया भाषा की कविताएं आज भी महत्वपूर्ण हैं। हम सब उनके आभारी हैं। उनका योगदान सीमाओं से परे है।’’

बीजद नेता लेखश्री सामंतसिंघर, पूर्व मंत्री अशोक पांडा और कई अन्य लोगों ने राजभवन चौक पर उत्कल गौरव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उत्कल सम्मिलनी और कुछ अन्य सामाजिक संगठनों के अलावा कांग्रेस, बीजद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक दलों ने भी मधुसूदन दास की जयंती के अवसर पर अपने-अपने पार्टी कार्यालयों में अलग-अलग बैठकें कीं।

ओडिशा विधानसभा परिसर में भी एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी और कई अन्य सांसदों ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास को श्रद्धांजलि दी। ओडिशा सरकार ने भी मधु बाबू की जयंती मनाने के लिए दिनभर कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है।

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